प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने ओपीजी सिक्योरिटीज को 2.5 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उसने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें ओपीजी की 85.25 करोड़ रुपये की गलत कमाई जब्त करने को कहा था। न्यायाधिकरण के 30 जून के आदेश में कहा गया है, अवैध कमाई की वसूली पर रोक रहेगी, बशर्ते कि अपीलकर्ता आज से चार सप्ताह के भीतर 2.5 करोड़ रुपये जमा करा दें जो इस अपील के फैसले पर निर्भर करेगा। सेबी इसे ब्याज वाले खाते में जमा कराएगा।
इस मामले को न्यायाधिकरण ने स्वीकार कर लिया है और सेबी को जवाब दाखिल करने को कहा है। हालिया आदेश केवल वसूली राशि से संबंधित है। अप्रैल 2019 में बाजार नियामक ने फर्म को 15.57 करोड़ रुपये की अवैध कमाई जमा कराने का निर्देश दिया था। ओपीजी सिक्योरिटीज ने पहले 7.5 करोड़ रुपये जमा कराए थे, जो शुरुआती अवैध कमाई के आधे थे।
जनवरी 2023 में न्यायाधिकरण ने ओपीजी के किए गए उल्लंघनों को बरकरार रखा था, लेकिन सेबी के आदेश को दरकिनार कर दिया था। साथ ही और रकम की नए सिरे से गणना के लिए इसे वापस कर दिया था।
एनएसई कोलोकेशन मामले में ओपीजी पर आरोप है कि उसने स्टॉक एक्सचेंज के सेकंडरी सर्वर तक पहुंच बनाकर अनुचित लाभ उठाया और गैरकानूनी तरीके से लाभ कमाया। सेबी ने नए आदेश में वसूली गई रकम को संशोधित कर 85.25 करोड़ रुपये कर दिया।
ओपीजी के वकील ने तर्क दिया कि रिमांड के बाद वसूली गई रकम में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती। न्यायाधिकरण ने कहा कि यह एक अनोखा मामला है जिसमें सेबी ने अलग और लंबी अवधि की ज्यादा जांच की थी जिसके आधार पर नया कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।