आंतरिक परिधान क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पेज इंडस्ट्रीज का शेयर पिछले डेढ़ साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस साल 27 जून को दर्ज 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर 50,471 रुपये से यह करीब 32 फीसदी गिरकर 38,356 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
सितंबर तिमाही (वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही) में सुस्त प्रदर्शन के अलावा ब्रोकरेज फर्मों ने सुस्त मांग, वॉल्यूम रिकवरी में देरी और धीमी विस्तार दर का हवाला देते हुए आय अनुमानों में कटौती की है। मौजूदा भाव पर यह शेयर अपने वित्त वर्ष 27 के आय अनुमानों के 49 गुना पर कारोबार कर रहा है।
पिछली कुछ तिमाहियों में कम मांग के माहौल ने इसके बिक्री प्रदर्शन को प्रभावित किया है। कंपनी का दूसरी तिमाही का राजस्व 3.6 फीसदी बढ़ा जबकि बिक्री में 2.5 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 5.66 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई। दूसरी तिमाही के शुरुआती हिस्से में कम मांग, सभी श्रेणियों में कम द्वितीयक खरीद और तिमाही के अंत में ज्यादा बिक्री के कारण यह लगातार दूसरी तिमाही है जब बिक्री में कम एकल अंक की वृद्धि हुई है।
हालांकि, तिमाही के अंत में मांग में तेजी आई है और त्योहारों के बाद की अवधि में भी यह जारी रही। कंपनी आगे चलकर दो अंकों में राजस्व वृद्धि हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है और उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही पहली छमाही से बेहतर रहेगी। इसके सभी माध्यमों में आधुनिक रिटेल, खासकर ई-कॉमर्स और प्रीमियम पोर्टफोलियो में अच्छी वृद्धि देखी जा रही है, जो इकॉनमी सेगमेंट से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। दूसरी तिमाही के प्रदर्शन, मुख्य श्रेणी में लगातार कमज़ोर मांग, इन्वेंट्री सामान्य होने के बावजूद वॉल्यूम रिकवरी में कमी और रिटेल की धीमी शुरुआत को देखते हुए इलारा रिसर्च ने वित्त वर्ष 26/27/28 के लिए अपने आय अनुमानों में क्रमशः 1.8 फीसदी, 6.1 फीसदी और 9.4 फीसदी की कटौती की है। इसने अपने अनुमानों में संशोधन कर इसकी रेटिंग खरीद से और निवेश कर दिया है और शेयर के लिए 49,482 रुपये का लक्ष्य रखा है। उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25-28 के बीच आय में वृद्धि 8 फीसदी सालाना रहेगी।
कमजोर राजस्व और उच्च लागत ने इसके परिचालन प्रदर्शन पर असर डाला है। संरचनात्मक दक्षता लाभ और कच्चे माल की लागत में कमी के कारण सकल मार्जिन में सालाना आधार पर 345 आधार अंकों का सुधार हुआ, वहीं परिचालन लाभ मार्जिन 90 आधार अंकों की गिरावट के साथ 21.7 फीसदी पर आ गया।
नए उत्पादों के लॉन्च के कारण बढ़ी हुई विपणन लागत, कर्मचारी लागत में 20.6 फीसदी की वृद्धि और अन्य खर्चों में 13.5 फीसदी के इजाफे के कारण ऐसा हुआ। कंपनी ने वित्त वर्ष 26 में अपने परिचालन लाभ मार्जिन के 19-21 फीसदी के अनुमान को बरकरार रखा है क्योंकि उसे आगे चलकर विपणन और तकनीकी लागत में वृद्धि की संभावना दिख रही है।
कंपनी ने अपने मार्जिन अनुमान को बरकरार रखा है, लेकिन सेंट्रम रिसर्च की उपासना मदान और गौरांग कक्कड़ को उम्मीद है कि मांग में सुधार, बिक्री में तेजी और बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी से इस शेयर पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने 40,000 रुपये की लक्षित कीमत के साथ तटस्थ रेटिंग बरकरार रखी है।