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संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को डेट बेच पाएंगे म्युचुअल फंड, RBI कर रहा मंजूरी देने पर विचार

रिजर्व बैंक में विनियमन और निगरानी के प्रभारी डिप्टी गवर्नरों, कार्यकारी निदेशकों और अन्य अधिकारियों ने इस सिलसिले में एआरसी के मुख्य कार्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी।

Published by
मनोजित साहा   
अभिजित कुमार   
Last Updated- May 20, 2024 | 11:57 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) म्युचुअल फंडों को उनकी डेट संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (ARC) के हाथ बेचने की इजाजत देने पर विचार कर रहा है। उसने डेट का पुनर्गठन करने वाली कंपनियों को बताया कि इस बारे में प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ उसकी बातचीत चल रही है। अभी ये कंपनियां म्युचुअल फंडों से डेट संप​त्ति नहीं खरीद सकतीं।

रिजर्व बैंक में विनियमन और निगरानी के प्रभारी डिप्टी गवर्नरों, कार्यकारी निदेशकों और अन्य अधिकारियों ने इस सिलसिले में एआरसी के मुख्य कार्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उसी बैठक में इस घटनाक्रम की जानकारी दी गई।

आरबीआई ने एआरसी के कामकाज की व्यापक समीक्षा के लिए सुदर्शन सेन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति ने नवंबर 2021 में अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें म्युचुअल फंडों को अपना डेट एआरसी के हाथ बेचने की इजाजत देने की सिफारिश की गई थी।

सेन समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘आज एआईएफ, म्युचुअल फंड, एफपीआई आदि डेट बॉन्ड खरीदकर गैर-वित्तीय कंपनियों को जमकर रकम मुहैया करा रहे हैं। खुदरा निवेशक भी डेट बॉन्ड में निवेश कर रहे हैं, जिनमें गिरवी के बगैर यानी असुरक्षित कर्ज भी शामिल हैं। इसलिए ऐसी संस्थाएं बढ़ाना सही होगा, जिनसे एआरसी वित्तीय संपत्तियां खरीद सकती हैं।’

समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि रिजर्व बैंक संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को म्युचुअल फंडों की ओर से निवेश करने वाली सभी विनियमित संस्थाओं जैसे एआईएफ, एफपीआई और एएमसी तथा आवास ऋण कंपनियों समेत सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से वित्तीय संस्थाएं खरीदने की इजाजत देने पर विचार कर सकता है चाहे संपत्तियों का आकार कितना भी हो। समिति की दलील थी कि ऐसे कदमों से कर्ज तेजी से एक जगह इकट्ठा होगा, जो फंसी हुई संपत्तियों का कारगर तरीके से समाधान करने के लिए जरूरी है।

एसबीआई म्युचुअल फंड के उप प्रबंध निदेशक और संयुक्त सीईओ डीपी सिंह ने कहा कि म्चुचुअल फंडों ज्यादातर निवेश बढ़िया गुणवत्ता वाले बॉन्ड में ही करते हैं। उन्होंने कहा, ‘अभी कोई कंपनी डिफॉल्ट करती है तो म्युचुअल फंड को बॉन्ड का मूल्य शून्य करना पड़ता है। मगर एआरसी को ऋण खरीदने की इजाजत मिले तो म्युचुअल फंड को कुछ रकम हासिल हो सकती है।’

एक परिसंप​त्ति पुनर्गठन कंपनी के प्रमुख ने कहा, ‘किसी कंपनी का वित्तीय पुनर्गठन करते समय रिजर्व बैंक के कायदों में आने वाली कंपनियों के अलावा कर्ज से जुड़ी कंपनियां जैसे म्युचुअल फंड भी शामिल होती हैं। वित्तीय क्षेत्र को ज्यादा फायदा तभी पहुंचेगा, जब सभी कंपनियों या संस्थाओं के लिए एक जैसे दिशानिर्देश होंगे।’

बैंकिंग नियामक ने पिछले कुछ समय में निगरानी के इरादे से बैंकों, एनबीएफसी और सहकारी बैंकों के साथ बैठकें की थीं। एआरसी के साथ बैठक के बाद उसने एक बयान जारी कर कहा कि अच्छा प्रशासन संपत्ति पुनर्गठन कंपनी को मजबूत कारोबारी मॉडल तैयार करने के लिए दमदार बुनियाद देता है। नियामक ने बैठक में उन्हें निगरानी से जुड़ी चिंताओं की जानकारी भी दी।

First Published : May 20, 2024 | 11:12 PM IST