बेंचमार्क सूचकांक सितंबर 2024 में दर्ज रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 2 फीसदी नीचे हैं, फिर भी बाजार मूल्यांकन एक साल पहले की तुलना में ज्यादा आकर्षक हो गया है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म नोमूरा कई संकेतकों की ओर इशारा करती है, जो बताते हैं कि भारतीय शेयर बाजार पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं। उदाहरण के लिए निफ्टी 50 इंडेक्स का प्रीमियम एफटीएसई इमर्जिंग इंडेक्स के मुकाबले 14 फीसदी है, जो चार साल में सबसे कम है और महामारी से पहले के मानकों के मुताबिक है।
अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में, भारतीय शेयर बाजार अपने शिखर से 10 फीसदी नीचे आ गए हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे उभरते बाजारों में 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है तथा इसी अवधि में एसऐंडपी 500 में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वर्तमान में निफ्टी 50, एसऐंडपी 500 की तुलना में 7 फीसदी की छूट पर ट्रेड कर रहा है, जो महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे है। सरकारी बॉन्ड प्रतिफल के सापेक्ष इसकी आय प्रतिफल दीर्घकालिक औसत पर वापस आ गई है, जिससे संकेत मिलता है कि इक्विटी बॉन्ड की तुलना में बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकता है।
एसऐंडपी 500 के मुकाबले निफ्टी 50 का बीटा बढ़कर 14 फीसदी हो गया है, जो भारतीय और अमेरिकी बाजारों के बीच दो वर्षों के सापेक्षिक वियोजन के बाद संयोग से मामूली वृद्धि का संकेत देता है।
नोमूरा का मानना है कि मजबूत घरेलू निवेश और कम इक्विटी जोखिम प्रीमियम भारतीय मूल्यांकन को मजबूती देते हैं। हालांकि सिर्फ ये कारक ही सार्थक विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते हैं।