शेयर बाजार

ऊंचे मूल्यांकन की वजह से अभी कम अवसर: PPFAS Mutual Fund CEO राजीव ठक्कर

पीपीएफएएस म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अ​धिकारी एवं निदेशक राजीव ठक्कर का कहना है कि अगर अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करेगी तो बैंक भी फलेंगे-फूलेंगे।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- June 16, 2024 | 9:31 PM IST

पीपीएफएएस म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अ​धिकारी एवं निदेशक राजीव ठक्कर ने अभिषेक कुमार के साथ इंटरव्यू में कहा कि बैंकिंग क्षेत्र की एक ही चिंता हैः जमा वृद्धि में कमजोरी। वरना वह अच्छी ​स्थिति में है और आकर्षक मूल्यांकन पर उपलब्ध है। उनका कहना है कि अगर अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करेगी तो बैंक भी फलेंगे-फूलेंगे। उनसे बातचीत के अंश:

-क्या गठबंधन सरकार की वजह से दीर्घाव​धि में भारत के लिए मूल्यांकन की रेटिंग का दबाव बढ़ेगा?

मतगणना के दिन (4 जून) शेयरों में आई गिरावट को छोड़कर हम अब तक के उच्चतम स्तर पर वापस आ गए हैं। गठबंधन सरकार के कारण रेटिंग में कोई गिरावट नहीं दिख रही है।

-आपकी फ्लेक्सीकैप योजना में लगभग 15 प्रतिशत नकद है। अब जबकि चुनाव की अनिश्चितता समाप्त हो गई है तो क्या आप यह राशि निवेश करने की सोच रहे हैं?

हमने चुनाव नतीजों की उम्मीद में नकदी बनाए नहीं रखी। इस समय ऊंचे मूल्यांकन की वजह से अवसर सीमित हैं। मल्टीपल में सुधार के लिए अच्छी खासी पूंजी जुटाना आवश्यक है। इस समय इक्विटी बाजार में ईपीएफओ, म्युचुअल फंडों, राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और बीमा कंपनियों के पैसे की इफरात है, फिर भी ज्यादा नए मौके नहीं मिल रहे।

हमारा मानना है कि जब निजी क्षेत्र का पूंजीगत खर्च चक्र गति पकड़ेगा और इ​क्विटी बिक्री के जरिये रकम उगाही में तेजी आएगी तो परिदृश्य बेहतर होगा। इसके अलावा सरकारी विनिवेश कार्यक्रम में पुन: तेजी आने से निवेश योग्य परिसंप​त्तियों की आपूर्ति बढ़ सकती है।

आपके अनुसार, ऐसा कब तक हो सकता है?

निवेश का मौका कभी न कभी तो आएगा। प्रवर्तकों के लिए इन भावों पर बेचना तर्कसंगत है, और कुछ ने पहले ही यह कदम उठा लिया है। इसके अलावा, निजी इ​​क्विटी फर्मों से पैसा हासिल करने वाली कंपनियां एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने के अवसर तलाशेंगी।

-आपके पोर्टफोलियो में करीब 20 प्रतिशत योगदान वाले निजी बैंकों के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। क्या निकट भविष्य में हालात में सुधार की उम्मीद है?

यदि जमा दरों की लागत बढ़ती है तो उधारी दरों पर भी इसका अवसर दिखेगा। इसलिए, मैं शुद्ध ब्याज मार्जिन को लेकर चिंतित नहीं हूं। जमा वृद्धि में कमजोरी कोई बड़ी ढांचागत समस्या नहीं है, बल्कि यह कमोबेश केंद्रीय बैंक द्वारा किए गए तरलता प्रबंधन उपायों का नतीजा है। कुल मिलाकर, बैंक अच्छी स्थिति में हैं। ​ परिसंप​त्ति गुणवत्ता में सुधार आया है और पिछले चार वर्षों के दौरान मुनाफा भी बढ़ा है। मूल्यांकन भी उचित हैं।

-क्या बैंकों में ओवरवेट पोजीशन अन्य मौकों की कमी का नतीजा है?

बाजार के हरेक दौर में अ​धिक मूल्यांकन और कम मूल्यांकन की गुंजाइश रहती है। हम उन क्षेत्रों में अधिक निवेश करते हैं जहां मूल्यांकन आकर्षक होता है। मेरा मानना है कि बैंकों के बारे में निराशावादी बनकर अर्थव्यवस्था के बारे में आशावादी होना संभव नहीं है। आर्थिक विकास काफी हद तक बैंकों द्वारा कंपनियों को दिए जाने वाले ऋणों पर निर्भर करता है।

-आपका फ्लेक्सीकैप फंड पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है और अब यह सबसे बड़ी ऐ​क्टिव इ​क्विटी स्कीम है। क्या आकार अब चुनौती बन रहा है और क्या यह आपको ज्यादा स्मॉलकैप और मिडकैप निवेश लेने से रोक रहा है?

फंड का आकार योजनाओं की हमारी सीमित संख्या की वजह से बड़ा दिख रहा है। हालांकि शेयरों की कीमतों पर प्रभाव बना हुआ है, चाहे हम फंड के स्तर पर एक योजना के लिए सौदे करें या ज्यादा योजनाओं के लिए।

हमारा ध्यान ऐतिहासिक रूप से लार्जकैप शेयरों पर रहा है, जिनसे कॉरपोरेट इंडिया के मुनाफे का बड़ा हिस्सा आता है। शीर्ष 100 कंपनियां इस पूल में लगभग 75 प्रतिशत का योगदान देती हैं, जबकि स्मॉलकैप शेयर केवल 7-8 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

-चौथी तिमाही के नतीजों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन कैसा रहा?

कुल मिलाकर हालात उम्मीद के मुताबिक ही हैं। ऑटोमोबाइल कंपनियों ने चक्रीय रूप से वापसी की है, मांग और लाभप्रदता में वृद्धि दिखी है। वित्त क्षेत्र ने जमा वृद्धि में चुनौतियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है। वै​श्विक मांग में नरमी की वजह से सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र कमजोर बना हुआ है।

-फंड निवेशकों के लिए आपकी क्या सलाह है क्योंकि मूल्यांकन भी ज्यादा है और उतार-चढ़ाव भी ऊंचा है?

एक सामान्य निवेशक को बाजार हालात को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए। सबसे अच्छी रणनीति यह होगी कि विविध फंडों में एसआईपी (SIP) का चयन किया जाए और फंड प्रबंधक को विभिन्न क्षेत्रों और बाजार पूंजीकरणों में निवेश आवंटित करने की अनुमति दी जाए।

First Published : June 16, 2024 | 9:31 PM IST