वन97 कम्युनिकेशंस (Paytm) का शेयर बुधवार को करीब 2 प्रतिशत गिर गया, भले ही कंपनी ने 850 करोड़ रुपये की शेयर पुनर्खरीद की घोषणा की है। निवेशकों को कंपनी द्वारा अपनाए गए ‘ओपन मार्केट’ विकल्प से निराशा मिली। बाजार कारोबारियों का कहना है कि पुनर्खरीद आकार और ओपन मार्केट रूट के तहत अधिकतम पुनर्खरीद भाव अनुकूल होगा, क्योंकि कंपनियां काफी कम दर पर शेयर पुन: खरीदना चाहेंगी। इसके अलावा, मुश्किल से ही पूरी पुनर्खरीद राशि का इस्तेमाल किया जाता है। तुलनात्मक तौर पर, ‘टेंडर’ रूट ज्यादा लोकप्रिय है, क्योंकि इसमें कंपनी द्वारा तय अधिकतम कीमत पर ही शेयर पुन: खरीदे जाते हैं और पूरी राशि का इस्तेमाल भी होता है।
वर्ष 2010 से ओपन मार्केट विकल्प के जरिये की गईं 178 पुनर्खरीद के अध्ययन से दिलचस्प रुझानों का पता चला है। वास्तविक पुनर्खरीद कीमत कंपनी द्वारा निर्धारित अधिकतम पुनर्खरीद भाव के मुकाबले औसत 20 प्रतिशत कम थी। प्राइम डेटाबेस के आंकड़े से पता चलता है कि इसके अलावा, इस्तेमाल की गई राशि इन कंपनियों द्वारा तय अधिकतम पुनर्खरीद आकार के मुकाबले 25 प्रतिशत कम थी।
पेटीएम ने 850 करोड़ रुपये का अधिकतम पुनर्खरीद आकार तय किया है और कहा है कि वह निर्धारित राशि का कम से कम 50 प्रतिशत इस्तेमाल करेगी। अधिकतम पुनर्खरीद कीमत 810 रुपये पर तय की गई है, जो उसके पिछले बंद भाव के मुकाबले करीब 53 प्रतिशत ज्यादा है। इसका मतलब है कि यदि शेयर कीमत मौजूदा स्तरों पर कमजोर रहती है तो डिजिटल भुगतान कंपनी को काफी कम दर पर शेयर पुनर्खरीद का मौका मिल सकता है।
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इक्विरस के प्रबंध निदेशक अजय गर्ग ने कहा, ‘सामान्य तौर पर कंपनियां इसलिए पुनर्खरीद की घोषणा करती हैं, क्योंकि वे सोचती हैं कि मौजूदा बाजार भाव सस्ता है। वे मानती हैं कि यह समय उनकी नकदी के इस्तेमाल के लिए बेहतर अवसर है। साथ ही, वे निवेशकों को इसे लेकर भी कुछ संकेत देना चाहती हैं कि पुनर्खरीद से मूल्य बढ़ता है। यही वजह है कि वे काफी ऊंची कीमतों की पेशकश करती हैं।’ बाजार नियामक द्वारा हाल में जारी चर्चा पत्र में ओपन मार्केट विकल्प की प्रमुख खामियों पर विचार किया गया था।