मौजूदा वित्त वर्ष में भारत का बाजार पूंजीकरण (एमकैप)-सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात 100 से नीचे रह सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 2019-20 के बाद यह पहला मौका होगा जब यह अनुपात दो अंकों में देखने को मिलेगा।
मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, अभी भारत का एमकैप-जीडीपी अनुपात वित्त वर्ष 23 के अनुमानित जीडीपी का करीब 95 फीसदी है।
100 से नीचे जाने से संकेत मिलता है कि बाजार शांत हो गया है, लेकिन अभी इसका आकर्षक स्तर तक गिरना बाकी है। पिछले 12 वर्षों में देसी बाजारों के लिए औसत एमकैप-जीडीपी अनुपात 80 फीसदी रहा है।
ये आंकड़े पिछले दो महीनों में भारत का बाजार पूंजीकरण 31 लाख करोड़ रुपये घटकर 258 लाख करोड़ रुपये तक आने की कहानी बताते हैं, जो मुख्य रूप से अदाणी समूह के शेयरों के टूटने के चलते हुआ है।