शेयर बाजार

HDB फाइनैंशियल का IPO 25 जून से, वैल्यूएशन में 30% की कटौती संभव

घरेलू बाजार में किसी भी एनबीएफसी द्वारा लाया गया यह सबसे बड़ा आईपीओ है। माना जा रहा है कि मूल्यांकन और दाम की घोषणा शुक्रवार को होगी।

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समी मोडक   
मनोजित साहा   
Last Updated- June 19, 2025 | 11:44 PM IST

देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक की गैर-बैंकिंग वित्तीय (एनबीएफसी) इकाई एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज का मूल्यांकन 30 फीसदी कम आंका जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक नए मसौदा परिपत्र के बाद यह सूरत बनती दिख रही है। निवेश बैंकिंग सूत्रों के अनुसार एचडीएफसी बैंक अपनी इस एनबीएफसी इकाई के लिए पहले 10 अरब डॉलर (करीब 86,000 करोड़ रुपये) मूल्यांकन की उम्मीद कर रहा था मगर अब वह 7 अरब डॉलर (करीब 62,000 करोड़ रुपये) मूल्यांकन के आधार पर शेयर बेचने के लिए तैयार हो गया है।

गुरुवार को एचडीएफसी बैंक द्वारा स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना के अनुसार 12,500 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) खरीदारी के लिए 25 जून को खुलेगा और 27 जून को बंद हो जाएगा। घरेलू बाजार में किसी भी एनबीएफसी द्वारा लाया गया यह सबसे बड़ा आईपीओ है। माना जा रहा है कि मूल्यांकन और दाम की घोषणा शुक्रवार को होगी।

इस बारे में एचडीएफसी बैंक और एचडीबी फाइनैंशियल को भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया। मूल्यांकन से जुड़े अनुमान औपचारिक नहीं होते हैं और बाजार में स्थितियों और कारोबारी घटनाक्रम के अनुसार ये बदलते रहते हैं।

सूत्रों ने कहा कि एचडीबी फाइनैंशिल का मूल्यांकन अगर कम रहा तो उसका कारण आरबीआई का एक प्रस्ताव होगा। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि बैंकों को अपनी उन एनबीएफसी में हिस्सेदारी घटाकर 20 फीसदी करनी होगी जो बैंकों की तरह ही कारोबारी गतिविधियों में हैं।

शेयर बिक्री से जुड़े लेनदेन संभालने वाले एक निवेश बैंकर ने कहा,’यह सौदा उतनी आसानी से भी नहीं होगा जितना समझा जा रहा था। बैंकों को उनकी एनबीएफसी में हिस्सेदारी घटाने से जुड़ा आरबीआई का निर्देश रंग में भंग डाल रहा है। इस निर्देश के बाद एचडीबी में एचडीएफसी बैंक को हिस्सेदारी घटानी होगी जिस वजह से निवेशक कम मूल्यांकन चाह रहे हैं।’

इस समय एचडीबी में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 94.36 फीसदी है मगर आईपीओ के बाद संभवतः यह कम होकर 70 फीसदी रह जाएगी। अगर आरबीआई का मसौदा परिपत्र लागू हुआ तो एचडीएफसी बैंक को अगले कुछ वर्षों में 50 फीसदी हिस्सेदारी और घटानी होगी जिससे शेयरों की आपू्र्ति काफी बढ़ जाएगी।

एक दूसरे निवेश बैंकर ने कहा कि आरबीआई के प्रस्तावित नियमों के अलावा कड़ी प्रतिस्पर्द्धा के कारण मार्जिन दबाव और एनबीएफसी की परिसंपत्ति गुणवत्ता से जुड़ी चिंता के कारण कारोबार में सुस्ती से भी मूल्यांकन अधिक नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘पहले हमें लगभग 1,200 रुपये निर्गम मूल्य मिलने की उम्मीद थी मगर निवेशकों की प्रतिक्रिया के बाद अब यह 800 रुपये से नीचे रह सकता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि निवेशक काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। एचडीएफसी बैंक चाहे तो अब भी कीमतों का निर्धारण ऊंचे स्तरों पर कर सकता है मगर यह निवेशकों को भी लाभ कमाने का कुछ मौका देना चाहता है।’

First Published : June 19, 2025 | 11:12 PM IST