भारतीय उद्योग जगत के डीमर्जर यानी कंपनियां अलग करने और खास ध्यान वाले क्षेत्र की अलग लिस्टिंग कराने के कदम अब फलदायी साबित हो रहे हैं। इस महीने क्वेस कॉर्प, सीमेंस और आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल (एबीएफआरएल) ने शेयर बाजार में दस्तक दी है। रेमंड की रियल एस्टेट इकाई रेमंड रियल्टी 1 जुलाई को सूचीबद्ध होने के लिए तैयार है जबकि जगुआर लैंड रोवर सहित टाटा मोटर्स का यात्री वाहन (पीवी) व्यवसाय इस वर्ष के अंत तक सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। वेदांत समूह (जो तीन कंपनियों को अलग करने की योजना बना रहा है) राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी का इंतजार कर रहा है। साल की शुरुआत में आईटीसी का होटल व्यवसाय स्वतंत्र रूप से सूचीबद्ध हुआ था।
विश्लेषकों का कहना है कि कॉरपोरेट पुनर्गठन का उद्देश्य किसी सेक्टर में खास कंपनी खड़ी करना है। इससे प्रतिभा और निवेशकों को आकर्षित करना आसान हो जाता है। डीआर चोकसी फिनसर्व के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी कहते हैं, ‘केवल डीमर्जर से ही वैल्यू सृजन की गारंटी नहीं मिलती है। इसके लिए तर्क और क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है। खास कारोबार पर केंद्रित कंपनी को अलग से सूचीबद्ध कराने से उस सेक्टर के विशिष्ट निवेशक और प्रतिभा आकर्षित होते हैं, जो एक समूह की संरचना के भीतर चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है।’
हाल के डीमर्जर नतीजे मिले-जुले रहे हैं। आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स (एबीएलबीएल) को मई में एबीएफआरएल से अलग किया गया और 19,450 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ सोमवार को यह कंपनी सूचीबद्ध हुई। एबीएलबीएल में लुई फिलिप, वैन ह्यूसन, ऐलन सोली और पीटर इंगलैंड जैसे ब्रांड हैं जबकि एबीएफआरएल का मूल्यांकन 9,110 करोड़ रुपये है।
डीमर्जर से पहले इनका संयुक्त मूल्यांकन 33,000 करोड़ रुपये था। पिछले हफ्ते, सीमेंस लिमिटेड से अलग हुई सीमेंस एनर्जी इंडिया 1 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ सूचीबद्ध हुई। सूचीबद्धता के बाद दोनों इकाइयों का संयुक्त मूल्यांकन 2.14 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो डीमर्जर से पहले 1 लाख करोड़ रुपये था। इसी से बड़े मूल्य सृजन का पता चलता है। विश्लेषकों का मानना है कि तत्काल लिस्टिंग से लाभ मामूली हो सकता है। लेकिन अच्छी तरह से प्रबंधित इकाइयां मध्यम से लंबी अवधि में पर्याप्त वैल्यू दे सकती हैं।
एक विश्लेषक ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा, ‘समूहों को अक्सर 50 प्रतिशत से अधिक की होल्डिंग कंपनी छूट का सामना करना पड़ता है। अच्छी तरह से क्रियान्वित डीमर्जर इस छूट को कम करने में मदद कर सकता है। लेकिन इस तरह बनने वाली स्वतंत्र इकाइयों को आकर्षक वृद्धि के साथ आत्मनिर्भर होना चाहिए।’
मोतीलाल ओसवाल ने एबीएलबीएल के लिए 19 फीसदी की बढ़त का अनुमान दिया है। रेमंड लिमिटेड से अलग हुई रेमंड रियल्टी अगले सप्ताह सूचीबद्ध होगी। इसके पास टेनएक्स, द एड्रेस और इनविक्टस जैसे ब्रांड हैं। ठाणे में 100 एकड़ जमीन है। कंपनी के अनुमान के अनुसार छह संयुक्त विकास समझौतों के साथ उसका सकल विकास मूल्य 40,000 करोड़ रुपये है। इसके सूचीबद्धता प्रदर्शन पर करीब से नजर रहेगी।
अन्य डीमर्जर में ब्लू चिप फर्म टाटा मोटर्स और वेदांत हैं। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स अलग से सूचीबद्ध होगी और पीवी व्यवसाय पर ध्यान देगी जबकि मौजूदा कंपनी में कमर्शियल वाहनों का कारोबार बना रहेगा।
इस बीच वेदांत से चार स्वतंत्र और सेक्टर-केंद्रित कंपनियां बनाई जा रही हैं। ये इकाइयां हैं -वेदांत एल्युमीनियम, वेदांत ऑयल ऐंड गैस, वेदांत आयरन ऐंड स्टील और वेदांत के तहत दूसरे मौजूदा और नए कारोबार। इस समय 1.75 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन वाली वेदांत के एल्युमीनियम व्यवसाय का अनुमान 1.2 लाख करोड़ रुपये है। विश्लेषकों का अनुमान है कि नई इकाइयों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण मौजूदा मूल्यांकन से अधिक होगा।