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Zee Entertainment के प्रवर्तक साल भर में करेंगे 1,300 करोड़ रुपये रिकवर

सूत्र ने कहा कि ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रवर्तक (जो कंपनी के संस्थापक भी हैं) को पहले से ही विभिन्न पक्षकारों से पुष्टि मिल चुकी है, जिन पर उनका पैसा बकाया है।

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रोशिनी शेखर   
Last Updated- June 19, 2025 | 10:05 PM IST

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के प्रवर्तक सुभाष चंद्रा व उनकी फैमिली एस्सेल समूह के जरिये विभिन्न पक्षकारों से एक साल में करीब 1,300 करोड़ रुपये रिकवर कर सकते हैं, जिनके ऊपर प्रवर्तक फैमिली का बकाया है। प्रमोटर फैमिली ऑफिस के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रवर्तक (जो कंपनी के संस्थापक भी हैं) को पहले से ही विभिन्न पक्षकारों से पुष्टि मिल चुकी है, जिन पर उनका पैसा बकाया है। अब तक प्रवर्तकों ने मुख्य रूप से तीन स्रोतों से 800 करोड़ रुपये वसूले हैं: महाराष्ट्र में एक नगर निगम, हरियाणा में एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई और मध्य प्रदेश में एक अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई। इस बारे में जानकारी के लिए कंपनी ने बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।

सोमवार को ज़ी एंटरटेनमेंट के निदेशक मंडल ने तरजीही आधार पर प्रवर्तक समूह की संस्थाओं को 132 रुपये प्रति वॉरंट की दर से 16,95,03,400 पूर्ण परिवर्तनीय वॉरंट जारी करने को मंजूरी दी थी। इन वॉरंटों को प्रवर्तक समूह से संबंधित संस्थाओं एल्टिलिस टेक्नोलॉजीज और सनब्राइट मॉरीशस इन्वेस्टमेंट्स को आवंटित करने का प्रस्ताव है। इसके जरिए प्रवर्तक परिवार द्वारा कंपनी की वृद्धि के लिए 2,237.44 करोड़ रुपये निवेश किए जाने की उम्मीद है। इसके परिणामस्वरूप, प्रवर्तकों द्वारा 18 महीनों में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 3.99 फीसदी से बढ़ाकर 18.39 प्रतिशत किए जाने की संभावना है।

हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया है कि फंड का इस्तेमाल वास्तव में कहां किया जाएगा, लेकिन मई में जारी इसकी नवीनतम निवेशक प्रस्तुति ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कंपनी वृद्धि की तलाश में विलय और अधिग्रहण के अवसरों की तलाश कर रही है। जून में कंपनी ने कंटेंट और टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप बुलेट के साथ एक रणनीतिक इक्विटी साझेदारी की भी घोषणा की, जहां ज़ी द्वारा प्लेटफॉर्म में निवेश या हिस्सेदारी हासिल करने की उम्मीद है।
इसके अलावा, निवेशक प्रस्तुति में बताया गया कि कंपनी अपने शेयरधारकों को समेकित शुद्ध लाभ का 25 से 30 फीसदी लाभांश देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर के अनुसार, हर वॉरंट आवंटन की तारीख से 18 महीने के भीतर एक पूर्ण चुकता इक्विटी शेयर में परिवर्तित हो जाएगा। लगभग 33 रुपये प्रति वॉरंट या वारंट निर्गम मूल्य का 25 फीसदी अग्रिम भुगतान किए जाने की संभावना है।

First Published : June 19, 2025 | 9:48 PM IST