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गिरते बाजार में मंदड़ियों का प्रहार

अग्रणी 500 शेयरों की सूची में से करीब दो दर्जन शेयर ऐसे हैं जिनका मूल्य इस महीने अब तक एक चौथाई घट गया है।

Last Updated- January 27, 2025 | 10:25 PM IST
Closing Bell: Due to profit booking, stock market slipped from record high, Sensex fell 264 points; Nifty closed at 26,178 मुनाफावसूली के चलते शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसला, Sensex 264 अंक टूटा; Nifty 26,178 पर बंद
प्रतीकात्मक तस्वीर

सप्ताहांत में बाजार के हालात ने मंदड़ियों को शेयरों पर निशाना बनाकर हमले करने के लिए हथियार दे दिया। हाल के हफ्तों में कई हाई प्रोफाइल कंपनियों मसलन सा‍इंट कल्याण ज्वैलर्स, मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज और ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों ने कुछ ही दिनों के भीतर अपनी कीमतों में करीब 20 फीसदी की चोट खाई है।

बाजार के अंदर के सूत्रों ने खुलासा किया कि महंगे मूल्यांकन, प्रवर्तकों के गिरवी शेयर और नकारात्मक खबरों वाले उन नाजुक शेयरों पर मंदड़ियों ने कब्जा कर लिया है, जिनकी आय कमजोर हो सकती है। वायदा और विकल्प सेगमेंट वाले शेयर भी मार झेल रहे हैं क्योंकि वे शॉर्ट सेलर्स के लिए आसान निशाना होते हैं। कारण कि यहां ट्रेडिंग की सीमा नहीं होती जिससे भारी बिकवाली के दबाव के दौर में वे नाजुक हो जाते हैं।

कुछ मामलों में निराधार अफवाहों और आरोपों के कारण शेयरों को मंदड़ियों के हमले का सामना करना पड़ा है। उदाहरण के लिए कल्याण ज्वैलर्स का शेयर पिछले एक साल में दोगुना से ज्यादा होने के बाद 2 जनवरी को 795 रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। 6 जनवरी को कंपनी की तरफ से तीसरी तिमाही मजबूत रहने की सूचना के बावजूद यह शेयर सोशल मीडिया पर अपुष्ट अफवाहों के कारण महज 12 कारोबारी सत्र में करीब 40 फीसदी टूट गया। कंपनी और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने अफवाहों पर स्पष्टीकरण दिया। बावजूद शेयर की कीमतों को खास राहत नहीं मिली।

समार्टकर्मा के प्रकाशक इन्वेस्टरी के विश्लेषक देवी शुभकेशन ने कहा कि शॉर्ट सेलर्स ने शेयर कीमत में तेज गिरावट की संभावना पर दांव लगाया होगा जिससे संभावित तौर पर गिरवी शेयरों पर मार्जिन कॉल आ गई होगी। ऐसे हालात में प्रवर्तकों को मार्जिन कॉल को कवर करने के लिए और शेयर गिरवी रखने को मजबूर होना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि शेयर को हाल के झटकों से ऊंचे भावों की नाजुकता और प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों पर सटोरिया हमले का पता चलता है। कंपनी के फंडामेंटल हालांकि मजबूत बने हुए हैं। लेकिन बाजार की उठापटक और बाहरी दबाव निवेशकों के भरोसे की लगातार परीक्षा ले रहे हैं।

सोशल मीडिया पोस्टों के बाद मोतीलाल ओसवाल का शेयर भी 30 फीसदी से ज्यादा टूट गया। इन पोस्टों में आरोप लगाया गया था कि उसकी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के अधिकारियों को कल्याण ज्वैलर्स में निवेश के लिए रिश्वत दी गई थी। कंपनी ने इन आरोपों को आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और बदनाम करने वाला बताया है।

अग्रणी 500 शेयरों की सूची में से करीब दो दर्जन शेयर ऐसे हैं जिनका मूल्य इस महीने अब तक एक चौथाई घट गया है। अगर समग्र सूचीबद्ध शेयरों नजर डालें तो करीब 500 शेयर अब अपने सर्वोच्च मूल्यांकन के आधे पर कारोबार कर रहे हैं। मंदड़ियों का ताजा शिकार सायंट हुआ है जिसका शेयर शुक्रवार को तब 23 फीसदी घट गया जब सीईओ कार्तिकेयन नटराजन के इस्तीफे की अपुष्ट अफवाहें फैल गईं।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक व शोध प्रमुख जी. चोकालिंगम ने कहा कि स्थूल और सूक्ष्म (मैक्रो ऐंड माइक्रो) चुनौतियों के तूफान ने गंभीर मंदी की हवाएं चला दी हैं। इसके अलावा एफपीआई की लगातार बिकवाली, रुपये में कमजोरी और अमेरिका की अनिश्चित नीतियों जैसी प्रतिकूल परिस्थितियां भी हैं। इस बीच, ऊंचे मूल्यांकन और कमाई में नरमी की भी चिंताएं हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों को बाजार के मौजूदा माहौल में सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर तब जब उच्च पी/ई गुणक या उच्च ऋण स्तर या प्रवर्तकों की ज्यादा गिरवी वाले शेयरों में निवेश की बात आती है। चोकालिंगम ने कहा कि कई शेयरों के अभी भी असाधारण भाव बने हुए हैं और वे सबसे ज्यादा नाजुक हैं। 1 पी/ई वृद्धि अनुपात के साथ आदर्श रूप से कमाई 100 फीसदी बढ़नी चाहिए। हालांकि इनमें से कई शेयर 20 फीसदी की आय वृद्धि के लिए भी जूझ कर रहे हैं। ज्यादा कीमतों वाले और नई पीढ़ी की कंपनियों के शेयर वर्तमान में इसका खमियाजा भुगत रहे हैं।

First Published - January 27, 2025 | 10:18 PM IST

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