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निप्पॉन लाइफ इंडिया ऐसेट मैनेजमेंट में 57.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि एचडीएफसी एएमसी (54.70 प्रतिशत) दूसरे स्थान पर है।

Last Updated- September 11, 2025 | 10:35 PM IST
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विश्लेषकों ने कहा कि परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) के शेयरों ने पिछले छह महीनों में तेज बढ़त हासिल की है और बाजार के मुकाबले उनका प्रदर्शन बेहतर रहा है। इस तेजी को म्युचुअल फंडों (एमएफ) में मजबूत निवेश, प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में शानदार वृद्धि और एसआईपी के माध्यम से बढ़ती खुदरा भागीदारी से समर्थन मिला है।

बीएसई के आंकड़ों के अनुसार सूचीबद्ध एएमसी में निप्पॉन लाइफ इंडिया ऐसेट मैनेजमेंट में 57.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि एचडीएफसी एएमसी (54.70 प्रतिशत) दूसरे स्थान पर है। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी में 46.51 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यूटीआई एएमसी में 41.54 प्रतिशत की तेजी आई। केफिन टेक्नोलॉजीज में 23.73 प्रतिशत और श्रीराम एएमसी में 22.84 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसकी तुलना में इसी अवधि में बीएसई का सेंसेक्स केवल 9.4 प्रतिशत चढ़ा।

वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी रणनीति निदेशक क्रांति बाथिनी ने कहा, ‘बढ़ती खर्च योग्य आय, डिजिटलीकरण में तेजी और बचत के भौतिक संपत्तियों से वित्तीय योजनाओं की ओर जाने के अलावा भारतीय खुदरा निवेशक भी इक्विटी को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं। एसआईपी, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) सोने और चांदी जैसे पारंपरिक निवेश क्षेत्रों से हटने लगे हैं। इस माहौल को देखते हुए एएमसी शेयर संरचनात्मक अनुकूल परिस्थितियों से लाभ उठाने के लिहाज से अच्छी ​स्थिति में हैं।’

एसआईपी से उद्योग को मदद

ऐक्टिव इक्विटी निवेश में नरमी के बावजूद विश्लेषकों का मानना ​​है कि एसआईपी के बल पर निवेश की मजबूत आवक परिसंपत्ति प्रबंधकों के लिए आय में सुधार का आधार तैयार कर रही है।

नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार अगस्त में ऐक्टिव इक्विटी शुद्ध प्रवाह मासिक आधार पर 25.1 प्रतिशत घटकर 42,360 करोड़ रुपये रह गया जिसका मुख्य कारण एकमुश्त निवेश में 49.8 प्रतिशत की भारी गिरावट आना और इसके 14,100 करोड़ रुपये रह जाना था। हालांकि, एसआईपी योगदान 28,270 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा जो मासिक आधार पर केवल 0.7 प्रतिशत कम है।

नुवामा के मधुकर लढा और माहरुख अदजानिया ने 10 सितंबर को लिखे नोट में कहा, ‘एसआईपी के कारण लगातार निवेश और शेयर बाजारों की स्थिरता के चलते एएमसी और आरटीए (रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट) तिमाही आधार पर आय वृद्धि में सुधार दर्ज करेंगे। इस सेक्टर में हमारी शीर्ष पसंद एचडीएफसी एएमसी (कीमत लक्ष्य 6,530 रुपये), एनएएम (1,010 रुपये) और केफिन टेक (1,540 रुपये) हैं।’

इक्विटी निवेश, एयूएम रुझान

नुवामा के आंकड़े बताते हैं कि अगस्त में मौजूदा इक्विटी योजनाओं में 40,130 करोड़ रुपये का निवेश हुआ जो मासिक आधार पर 12.1 प्रतिशत कम है। छह नए फंड ऑफर ने 2,240 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया जो 79.4 प्रतिशत की भारी गिरावट है।

कुल ऐक्टिव इक्विटी एयूएम 0.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 41.2 लाख करोड़ रुपये रह गई क्योंकि बाजार के कमजोर प्रदर्शन ने परिसंपत्तियों पर दबाव डाला। अगस्त में निफ्टी 50 में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि अन्य सूचकांकों का प्रदर्शन कमजोर रहा। वित्त वर्ष 2026 के लिए अब तक ऐक्टिव इक्विटी निवेश 1.8 लाख करोड़ रुपये रहा है।

उद्योग परिदृश्य

बैंक ऑफ बड़ौदा कैपिटल मार्केट्स की 9 सितंबर की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत के म्युचुअल फंड उद्योग की एयूएम अगले कुछ वर्षों में 100 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी।

First Published - September 11, 2025 | 10:26 PM IST

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