दलाल स्ट्रीट ने आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल (ABFRL)-TCNS क्लोदिंग कंपनी सौदे (ABFRL-TCNS Clothing Company deal) को उत्साहजनक नहीं माना है, क्योंकि विश्लेषकों को इस अधिग्रहण से ABFRL को अल्पावधि मुनाफा जोखिम बढ़ने का अनुमान है।
शेयर बाजार में, आदित्य बिड़ला समूह की इस कंपनी का शेयर सोमवार को दिन के कारोबार में 6.2 प्रतिशत तक गिर गया था और आखिर में 3.27 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 207.2 रुपये पर बंद हुआ। वहीं TCNS 20 प्रतिशत तक गिरकर 416.64 रुपये पर बंद हुआ। मंगलवार को भी इन शेयरों में दबाव बना रहा।
ABFRL द्वारा पिछले सप्ताह यह घोषणा की गई थी कि वह 1,650 करोड़ रुपये में TCNS में बड़ी हिस्सेदारी खरीदेगी। इसके बाद इन शेयरों पर दबाव देखा गया है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (MOFSL) के विश्लेषकों का मानना है, ‘यदि यह माना जाए कि 2024-25 में TCNS 8 प्रतिशत की एबिटा और 3 प्रतिशत PAT (कर-बाद लाभ) मार्जिन दर्ज कर सकता है, तो वह 1,600करोड़ रुपये का राजस्व और 48 करोड़ रुपये का पीएटी दर्ज कर सकता है। 1,650 करोड़ रुपये के नकदी खर्च पर 8 प्रतिशत ब्याज खर्च और 5.4 प्रतिशत इक्विटी गिरावट के समायोजन के बाद TCNS वित्त वर्ष 2025ई के लिए 51.3 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान और 0.7 रुपये EPS दर्ज कर सकती है।’
ABFRL के अनुसार, यह सौदा संस्थापक प्रवर्तक हिस्सेदारी की खरीदारी के जरिये किया जाएगा। TCNS के शेयरधारकों को TCNS में अपने प्रत्येक 6 शेयरों के लिए ABFRL के 11 शेयर मिलेंगे।
भारतीय परिधान बाजार का आकार वित्त वर्ष 2020 में 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें, TCNS का अनुमानित राजस्व वित्त वर्ष 2023 के लिए 1,200 करोड़ रुपये से अधिक पर अनुमानित है। इसके 660 विशेष ब्रांड आउटलेटों के साथ चार मुख्य ब्रांड (डब्ल्यू, ऑरेलिया, विशफुल, और इलेवन) हैं, जो 2,300 लार्ज फॉर्मेट श्रेणी के स्टोरों से अधिक हैं।
TCNS ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान कमजोर राजस्व वृद्धि दर्ज की, क्योंकि भारतीय एथनिकवियर बाजार में ऊंची कीमत के प्रति सजग महिला उपभोक्ताओं की जरूरतें पूरी करने वाली असंगठित क्षेत्र की कंपनियों की भरमार है, जबकि TCNS के उत्पाद महंगे होते हैं।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है, ‘TCNS रिकवरी के मामले में प्रतिस्पर्धियों से पीछे है, और उसने करीब दो साल से कमजोर प्रदर्शन किया है। कंपनी सिर्फ एक सकारात्मक बदलाव यह देखा गया है कि वह शेयरधारक वैल्यू मजबूत कर सकती है। ’
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कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (केआईई) का मानना है कि हाल के वर्षों में TCNS के प्रदर्शन पर दबाव को देखते हुए, हम इस अधिग्रहण को कम फायदेमंद मान रहे हैं।
ब्रोकरेज ने कहा है कि ABFRL को TCNS अधिग्रहण और उसकी वृद्धि की रफ्तार में सुधार पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत होगी। इसके अलावा, अधिग्रहण ने ABFRL के लिए कर्ज बढ़ने की चिंता बढ़ा दी है। कंपनी ने पिछले साल सिंगापुर की जीआईसी से 2,195 करोड़ रुपये जुटाए और कर्ज स्तर वित्त वर्ष 2020 के 2,100 करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर से घटाने पर जोर दिया।
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तब से, उसके एथनिकवियर (फैशन डिजाइनर सब्यसाची और तरुण तहलियानी, तथा मैरीगोल्ड लेन समेत) का कर्ज बढ़कर वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही तक 340 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।