शेयर बाजार

शेयर बाजार में डूबे निवेशकों के 9.2 लाख करोड़

बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 8.3 फीसदी उछलकर 18.13 फीसदी पर पहुंच गया। इससे संकेत मिलता है कि बाजार में आगे भी उठापटक बनी रह सकती है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- January 27, 2025 | 10:34 PM IST

कं पनियों के कमजोर नतीजों के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निरंतर बिकवाली से बाजार में आज जोरदार गिरावट आई और प्रमुख सूचकांक 6 जून, 2024 के अपने निचले स्तर तक लुढ़क गए। अमेरिकी नीतियों के बारे में अनिश्चितता से वैश्विक बाजारों में उठापटक देखी गई जिसका असर घरेलू बाजार में भी दिखा।
सेंसेक्स 824 अंक या 1.1 फीसदी टूटकर 75,366 पर बंद हुआ। निफ्टी 263 अंक या 1.1 फीसदी के नुकसान के साथ 22,829 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक 6 जून, 2024 के बाद सबसे निचले स्तर पर बंद हुए। निफ्टी 7 जून, 2024 के बाद पहली बार 23,000 से नीचे बंद हुआ है।

बाजार में चौतरफा बिकवाली का दबाव देखा गया और निफ्टी स्मॉलकैप में 4 फीसदी तथा निफ्टी मिडकैप में 3 फीसदी की गिरावट आई। बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 8.3 फीसदी उछलकर 18.13 फीसदी पर पहुंच गया। इससे संकेत मिलता है कि बाजार में आगे भी उठापटक बनी रह सकती है। इस बीच बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9.2 लाख करोड़ रुपये घटकर 410 लाख करोड़ रुपये रह गया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली, कंपनियों की आय वृद्धि नरम रहने और वैश्विक अनिश्चितता की वजह से पिछले कुछ महीनों से बाजार में भारी दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में अभी कमजोरी बनी रह सकती है क्योंकि निवेशक 28-29 जनवरी को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक और 1 फरवरी को आने वाले आम बजट का इंतजार कर रहे हैं।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘नरम आय और दुनिया भर में कमजोर धारणा के मद्देनजर सभी क्षेत्रों के शेयरों में चौतरफा बिकवाली से बाजार में गिरावट आ रही है। व्यापार को लेकर अमेरिका की नीतियों के कारण स्थिति अधिक गंभीर हो गई है। फेड बैठक, वायदा सौदे के निपटान का हफ्ता और केंद्रीय बजट जैसी घटनाओं से पहले इस हफ्ते बाजार में उठापटक बनी रह सकती है।’

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 5,015 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और इस महीने उनकी कुल बिकवाली 64,000 करोड़ रुपये रही। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के लिहाज से अक्टूबर 2024 के बाद जनवरी का महीना बाजार के लिए दूसरा सबसे खराब महीना रहा। अक्टूबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने 92,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। देसी संस्थागत निवेशकों ने 6,642 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

बाजार विशेषज्ञ सुनील सुब्रमण्यम ने कहा, ‘कंपनियों के नतीजे अभी तक बाजार के उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे हैं, जिससे विदेशी निवेशकों की बिकवाली और बढ़ी है। देसी संस्थागत निवेशक ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में मुनाफावसूली कर रहे हैं। देसी संस्थागत निवेशकों के पास काफी सारा पैसा है जिसे वे तिमाही नतीजों के अनुमान, बजट और आरबीआई नीति पर स्पष्टता के बाद ही बाजार में लगाएंगे।’

सबसे ज्यादा गिरावट आईटी, दूरसंचार, बिजली, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, तेल एवं गैस तथा स्वास्थ्य क्षेत्र के शेयरों में आई। सेंसेक्स शेयरों में एचसीएल टेक, जोमैटो, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड और इन्फोसिस में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, एसबीआई और एलऐंडटी लाभ में रहे। बीएसई में 3,522 शेयर नुकसान में और 593 लाभ में रहे। 119 शेयरों के भाव में कोई घट-बढ़ नहीं हुई।

First Published : January 27, 2025 | 10:22 PM IST