देश के बाजारों में जुलाई में करीब 30 लाख नए डीमैट खाते जुड़े। यह दिसंबर 2024 के बाद से सबसे ज्यादा मासिक बढ़ोतरी है। जनवरी से अप्रैल तक की नरम अवधि के बाद खाता खोलने की संख्या में वृद्धि का यह लगातार तीसरा महीना है।
खाता खोलने में आसानी और इक्विटी के निरंतर आकर्षण के कारण जुलाई की वृद्धि ने देश भर में डीमैट खातों की संख्या 20 करोड़ के पार पहुंचा दिया। यह आंकड़ा महज चार वर्षों में तीन गुना से अधिक हो गया है। पिछले महीने के आखिर में डीमैट खातों की कुल संख्या 20.21 करोड़ थी।
हालांकि इस आंकड़े की यूनिक इन्वेस्टर से तुलना नहीं हो सकती क्योंकि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक डीमैट खाते खोल सकता है। यूनिक इन्वेस्टर की संख्या करीब 12 करोड़ है। जुलाई में डीमैट खातों में मजबूत वृद्धि बाजार में बढ़ती अस्थिरता की पृष्ठभूमि में हुई जिसकी वजह भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव, कंपनियों की सुस्त आय और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निरंतर बिकवाली थी।
जुलाई में एफपीआई की शुद्ध निकासी 17,741 करोड़ रुपये रही जो मार्च 2025 के बाद शुद्ध बिकवाली का पहला ऐसा महीना है। टॉरस फाइनैंशियल मार्केट के सीईओ प्रकाश गगडानी ने कहा, जुलाई में नए डीमैट खातों के जुड़ाव को काफी ज्यादा आईपीओ आने से समर्थन मिला। साल 2025 में जुलाई का महीना आईपीओ के लिए सबसे व्यस्त था और 13 आईपीओ के जरिये 16,125 करोड़ रुपये जुटाए गए।