देसी बाजारों में जून में 25 लाख नए डीमैट खाते और जुड़े। यह जनवरी के बाद का किसी महीने का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस तरह से अब डीमैट खातों की संख्या 20 करोड़ के किनारे पहुंच गई है। जून में लगातार दूसरे महीने खातों की संख्या बढ़ी। इससे पहले जनवरी से अप्रैल तक इसमें लगातार गिरावट देखने के मिल रही थी। इस बढ़ोतरी से डीमैट खातों की कुल संख्या 19.91 करोड़ हो गई।
डीमैट खातों की संख्या यूनिक इन्वेस्टर की संख्या का प्रतिनिधित्व नहीं करती जो करीब 12 करोड़ है क्योंकि कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा डीमैट खाते खोल सकता है। डीमैट खातों में हुई ताजा वृद्धि संयोग से शेयर बाजार के मजबूत प्रदर्शन के साथ हुई है। जून में बेंचमार्क निफ्टी 3 फीसदी बढ़ा। निफ्टी मिडकैप 100 में 4 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 6.7 फीसदी की वृद्धि हुई।
आईपीओ बाजार के दोबारा गुलजार होने से नए निवेशकों का जुड़ाव बढ़ा है। मार्च में शून्य और अप्रैल में महज एक कंपनी के सूचीबद्ध होने के बाद जून में आठ कंपनियों ने आईपीओ से17,689 करोड़ रुपये जुटाए। यह देखना अभी बाकी है कि क्या ब्रोकरेज कंपनियां लाभप्रदता पर बढ़ते दबाव के बीच नए ग्राहक जोड़ने में बढ़ोतरी की इस स्वस्थ गति को बरकरार रखने में सक्षम होंगी। टॉरस फाइनैंशियल मार्केट के सीईओ प्रकर्ष गगडानी ने कहा, मार्जिन कम हो रहे हैं और शेयर बाजार से कमाई घट रही है। इससे नए ग्राहक हासिल करने के लिए ब्रोकरेज कंपनियों की ओर से आवंटित संसाधनों पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा।