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बाजार की तेजी में चवन्नी शेयरों में भी आया दम

Last Updated- December 12, 2022 | 9:51 AM IST

कम कीमत वाले शेयर यानी चवन्नी शेयर फिर से निवेशकों को भा रहे हैं। 23 मार्च 2020 को 854 शेयर ऐसे थे जो 20 रुपये से कम मूल्य पर कारोबार कर रहे थे, जिनमें से 482 शेयरों की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। 23 मार्च 2020 को सेंसेक्स गिरकर तीन साल के निचले स्तर पर आ गया था।
इनमें से 39 शेयर इस अवधि के दौरान 5 गुना से ज्यादा चढ़ चुके हैं जिनमें सुबेकस, मैकलॉयड रसेल, जेट एयरवेज, जैन इरिगेशन सिस्टम्स, और सिंटेक्स प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी मुख्य रूप से शामिल हैं। इन शेयरों में यह तेजी ऐसे समय में आई है जब कोविड-19 महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधि प्रभावित हुई और ऐसे में इन शेयरों में तेजी ने बाजार कारोबारियों को चकित कर दिया। विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में प्रवेश करने वाले छोटे निवेशकों की नई पीढ़ी कम कीमत वाले शेयरों की ओर ज्यादा आकर्षित हो सकती है।
एक स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘आइए, बाजार की संरचना पर नजर डालते हैं।बड़े खरीदार समझे जाने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई)इन शेयरों में हाथ नहीं डाल रहे हैं। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। इन शेयरों के मुख्य खरीदार छोटे निवेशक हैं, खासकर वे जो मार्च के बाद बाजार में आए हैं।’
विश्लेषकों ने कहा कि छोटे निवेशक अक्सर यह समझते हैं कि ऊंची कीमत पर कारोबार कर रहा शेयर बहुत ज्यादा नहीं चढ़ सकता है। चवन्नी शेयर की आधार कीमत स्वयं ही निवेशकों को आकर्षित करती है, और इनमें इसी तरह की अटकलों से तेजी भी आती है। मार्च 2020 के बाद, इनमें से कई शेयर तेजी वाले बाजार के साथ निवेशकों के पसंदीदा बने हैं। इसके अलावा, इन शेयरों में कम उतार-चढ़ाव भी कारोबारियों को बड़ी पोजीशन लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।
भारी तेजी ने इस श्रेणी में निवेशकों को ज्यादा आकर्षित किया है और पिछले साल मार्च से लाखों डीमैट खाते खुले हैं। विश्लेषकों के अनुसार, इनमें से कई निवेशक ऐसे व्यक्ति थे, जो अन्य परिसंपत्तियों से रिटर्न न मिलने और लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए खाली समय की वजह से इस कारोबार में आए। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि नए निवेशकों की किस्मत उन्हें अति उत्साही बना सकती है।
बालिगा ने कहा, ‘कई निवेशकों ने कंपनी के बुनियादी आधार या मूल्यांकन का अध्ययन नहीं किया है। उन्होंने अपुष्ट सलाह के आधार पर इनमें खरीदारी की है। चूंकि इन शेयरों में तेजी आई है, इसलिए निवेशकों के भरोसे का स्तर भी बढ़ा है।’ कुछ बाजार कारोबारियों का मानना है कि भोले-भाले निवेशकों को चतुर ऑपरेटरों द्वारा गुमराह कर ठगा जा रहा है। बालिगा कहते हैं, ‘ये ऑपरेटर पिछले कुछ वर्षों में सक्रिय नहीं थे। इस तेजी ने उन्हें अपनी चतुराई दिखाने का मौका दिया है।’
बाजार कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि नए निवेशकों को कंपनी के बुनियादी आधार के बारे में छानबीन किए बिना टेलीग्राम और व्हाट्सऐप पर चैट ग्रुपों में दिए गए टिप्स के झांसे में नहीं आना चाहिए, और कम कीमत वाले शेयरों में तेजी का यह रुझान टिकाऊ नहीं होगा।
बालिगा ने कहा, ‘जब बाजार गिरता है, लोग या तो पैंसा गंवाते हैं या अगली तेजी का इंतजार करते हैं। चुनौतीपूर्ण कार्य आज के बाजार में बेचना और नकदी हाथ में रखना है। कुछ लोग इसमें फंस जाएंगे और यह मुनाफावसूली का अच्छा समय है।’ मोतीलाल ओसवाल फाइनैंश्यिल सर्विसेज के शोध प्रमुख सिद्घार्थ खेमका ने कहा कि ये शेयर बाजार में गिरावट की स्थिति में तेजी से गिर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘निवेशकों को निवेश से पहलेकपनी के बुनियादी आधार और उसके व्यावसायिक परिदृश्य का अच्छी तरह से अध्ययन  करना चाहिए।’

First Published - January 13, 2021 | 11:49 PM IST

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