घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को भारी उतार चढ़ाव के बीच बिकवाली दबाव बढऩे से शुरुआती तेजी जाती रही और अंत में सेंसेक्स 98 अंक गिरकर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों से मजबूती के संकेतों के बावजूद निवेशकों ने बैंक और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली कर अपने सौदे हल्के किए।
एचसीएल टेक की ओर से कारोबार को लेकर बेहतर अनुमान व्यक्त किए जाने से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के शेयरों में चमक रही लेकिन एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और आईसीआईसीआई बैंक की गिरावट सेंसेक्स पर भारी रही। कारोबार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई। सेंसेक्स तेजी के साथ बढ़ता हुआ लगातार तीसरे कारोबारी दिवस की बढ़त हासिल करने की तरफ जा रहा था लेकिन अचानक बिकवाली दबाव बढऩे से यह अंतत: गिरावट के साथ बंद हुआ। कारोबार की समाप्ति पर यह 97.92 अंक यानी 0.25 प्रतिशत गिरकर 38,756.63 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक भी 24.40 अंक यानी 0.21 प्रतिशत गिरकर 11,440.05 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में भारती एयरटेल में सबसे ज्यादा 3.46 प्रतिशत की गिरावट रही। बजाज फाइनैंस, पावरग्रिड, स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और सन फार्मा में भी गिरावट दर्ज की गई। इसके विपरीत एचसीएल टेक में सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। एचसीएल टेक ने कहा है कि सितंबर तिमाही के लिए उसका परिचालन मार्जिन और राजस्व उसके द्वारा व्यक्त पिछले अनुमान के शीर्ष स्तर से भी बेहतर रहने की उम्मीद है। इसके बाद आईटी क्षेत्र की अन्य कंपनियों टीसीएस, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा और टाइटन के शेयरों में पांच प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।
जियोजित फाइनैंसियल सविर्सिज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘भारतीय शेयर सूचकांक में शुरुआती बढ़त जाती रही और ये नुकसान के साथ बंद हुए। एचसीएल टेक द्वारा मजबूत प्रदर्शन का अनुमान व्यक्त किए जाने से आईटी शेयरों में तेजी का रुख रहा। व्यापक बाजार के लिहाज से लघु- पूंजी सूचकांक में मजबूती रही। सेबी द्वारा मल्टी-कैप फंड वाले म्युचुअल फंड के लिए नियमों में बदलाव किए जाने के बाद छोटी पूंजी वाले शेयरों में निवेशक बढ़ेगा, यही वजह है कि इस समूह में खरीदारी में रुचि देखी गई।
नायर ने कहा कि टीके को लेकर नई उम्मीद जगने के बाद वैश्विक बाजारों में ज्यादातर सकारात्मक रुख रहा। बहरहाल, तमाम उम्मीदों के बावजूद शेयरों के मूल्यांकन और कई अन्य अनिश्चितताओं को देखते हुए शेयरों के ऊंचे भाव पर बिकवाली को नकारा नहीं जा सकता है। उतार-चढ़ाव का दौर जारी रह सकता है। बीएसई के दूरसंचार, बैंकेक्स, वित्त, ऊर्जा, एमएफसीजी और धातु समूह सूचकांक में 2.09 प्रतिशत तक गिरावट रही जबकि दूसरी तरफ आईटी, रीयल्टी, प्रौद्योगिकी, टिकाऊ उपभोक्ता और औद्योगिक समूह सूचकांक में 4.76 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई।