Categories: बाजार

बाजार की हालत देख सिंडिकेट बैंक ने फिलहाल अपना क्यूआईपी टाला

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 10:03 PM IST

मणिपाल स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के सिंडीकेट बैंक ने अपने क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) और मीडियम टर्म नोट (एमटीएन) के जरिए 800 करोड रुपये की उगाही करने की अपनी योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

बैंक ने यह कदम ताजा वैश्विक वित्तीय संकट और शेयर बाजार की अनिश्चितता को ध्यान में रखकर किया है। हालांकि बैंक घरेलू बाजार में अपने टायर-2 कैपिटल में बढ़ोतरी करने केलिए 500-600 करोड रुपये जुटाने की योजना बना रहा है।

इस बाबत सिंडीकेट बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जॉर्ज जोसफ ने कहा कि बाजार में छाई अनिश्चितता को देखते हुए हमने प्रस्तावित क्यूआईपी इश्यू को कुछ दिनों केलिए टाल देने का फैसला किया है।

हालांकि जोसफ ने कहा कि हम अन्य वैकल्पिक उपायों जैसे टायर-2 कैपिटल आदि पर की योजनाओं पर काम कर रहें हैं। उल्लेखनीय है कि अभी तक बैंक को इसके प्रस्तावित क्यूआईपी केलिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिली है।

इस बारे में जोसेफ ने कहा कि हम मंत्रालय से किसी अग्रिम सहमति नहीं चाहते हैं क्योंकि बाजार में कारोबारी अनिश्चितता को देखते हुए यह क्यूआईपी को उतारने का सही समय नहीं है।

अब जबकि किसी हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट केजरिए फंड जुटाने के बारे में बैंक ने अभी कोई फैसला नहीं किया है, जोसेफ ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि बैंक चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में फंड जुटाने की योजना बना रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने परिसंपत्ति आधार में इजाफे केलिए राइट इश्यू लाने की योजना बनाई थी जिसे कि बैंक ने अमेरिकी वित्तीय संकट से पहले ही स्थगित कर दिया।

यूटीआई एएमसी ने भी इससे पहले अपने आईपीओ प्लान को स्थगित कर दिया था और अभी तक इसकेप्रस्तावित प्राइवेट प्लेसमेंट पर कंपनी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

देश की सातवीं सबसे बडी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक सिंडीकेट बैंक ने क्यूआईपी के जरिए क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स के साथ 8 करोड़ इक्विटी शेयर के प्लेसमेंट कर  800 करोड रुपये जुटाने की योजना बनाई थी।

इससे बैंक में सरकारी हिस्सेदारी मौजूदा 66.47 प्रतिशत से घटकर 57 प्रतिशत आ जाएगी। इसके अलावा बैंक केपास 155 मिलियन डॉलर के एमटीएन के इस्तेमाल क रने का विकल्प था।

जोसफ ने कहा कि वैश्विक बाजार में अनिश्चितता एमटीएन इश्यू केलिए माकूल नहीं क्योंकि कीमत एक बहुत बड़ा मुद्दा होगा और इसी कारण हमने इस विकल्प को फि लहाल टाल दिया है।



 

First Published : September 23, 2008 | 9:58 PM IST