Adani bribery case: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टॉक एक्सचेंजों को अदाणी समूह की कंपनियों में खुलासा संबंधित चिंताओं पर स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया। इसके बाद स्टॉक एक्सचेंजों ने अदाणी समूह की कंपनियों को पत्र लिखकर खास तौर पर सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा जरूरतों (एलओडीआर) पर स्पष्टीकरण मांगा है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने इसकी जानकारी दी।
एक्सचेंजों ने अदाणी समूह से पूछा है कि क्या अमेरिका में जांच के खुलासे में कोई चूक या देरी हुई थी, जिसके तहत समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी को 20 नवंबर को आरोपी बनाया गया है।
सूत्रों ने कहा कि फिलहाल अधिकारियों या कंपनियों के खिलाफ कोई जांच शुरू नहीं हुई है। घटनाक्रम से अवगत एक शख्स ने कहा, ‘ऐसी किसी भी जांच या कार्रवाई में काफी देर होती है। फिलहाल में सभी प्रक्रियाएं हमारे निगरानी तंत्र के दायरे में हैं।’
सूत्रों ने कहा कि अगर ऐसे मामलों में कोई चूक या देर होने का पता चलता है तो एक्सचेंज कार्रवाई कर सकते हैं या कंपनियों को सलाह जारी कर सकते हैं। और सेबी ऐसे मामले पर विचार करने का निर्णय कर सकता है।
मामले के जानकार एक अन्य शख्स ने कहा, ‘एक्सचेंजों ने स्पष्टीकरण मांगा है और खास तौर पर एलओडीआर पर अदाणी समूह की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। यह शेयरों के खरीद-फरोख्त में अप्रत्याशित तेजी या खबरों के सत्यापन पर मांगे जाने वाले सामान्य स्पष्टीकरण से अलग तरह का है।’
इस बारे में जानकारी के लिए सेबी, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज और अदाणी समूह को ईमेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया। अदाणी समूह ने अपने पहले के बयान में इन आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें निराधार बताया है। समूह ने कहा कि वह सभी कानूनी विकल्प का उपयोग करेगा।
अमेरिकी अभियोजकों ने गुरुवार को कहा था कि अदाणी समूह ने अमेरिका में बॉन्ड धारकों को रिश्वत रोधी जांच से संबंधित घटनाक्रम के बारे में गलत बयान दिए और उचित खुलासा भी नहीं किया था।
कानून के एक विशेषज्ञ ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘आरोप व्यक्तिगत तौर पर अधिकारियों पर लगाए गए हैं। इससे खुलासे का दायरा भी सीमित हो जाता है। कंपनियां आम तौर पर शेयर कीमतों में गिरावट से बचने के लिए समय से पहले खुलासा करने से परहेज करती हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि संबंधित सूचना ‘आवश्यक जानकारी’ के दायरे में आती हैं या नहीं, जिनका खुलासा करना अनिवार्य होता है।’
अभियोग में कहा गया है कि संघीय एजेंटों ने मार्च 2023 में सागर अदाणी के खिलाफ तलाशी वारंट जारी किया था। इसमें कहा गया है कि अदाणी ने अमेरिकी जांच के बारे में भारतीय ऊर्जा कंपनी के बारे में अपने निजी संचार में मीडिया, बाजार, भारत के स्टॉक एक्सचेंजों और वित्तीय संस्थानों को भ्रामक बयान दिए थे। कारोबारी प्रशासन क्षेत्र के कई विशेषज्ञों ने खुलासे में कथित कमी को लेकर सेबी और एक्सचेंजों से जांच की मांग की है।