भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तकनीकी सलाहकार समिति को नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में ट्रेडिंग में रुकावट की जांच करने और जवाबदेही तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस मामले से अवगत दो व्यक्तियों ने बताया कि यह समिति मामले की विस्तृत जांच के बाद अपनी रिपोर्ट और और सिफारिश पूर्णकालिक सदस्य माधवी पुरी बुच को सौंपेगी ताकि आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जा सके।
फिलहाल इस समिति के अध्यक्ष आईआईटी मद्रास के अशोक झुनझुनवाला हैं। समझा जाता है कि समिति ने दो प्रमुख मुद्दों पर एनएसई से स्पष्टीकरण मांगा है। पहला, इंटरऑपरेबिलिटी यानी सॉफ्टवेयर की पारस्परिक प्रभावशीलता के बारे में क्योंकि वह ट्रेडिंग स्थिति को स्थानांतरित करने में असमर्थ था। दूसरा, आपदा रिकवरी साइट को सक्रिय करने में शिथिलता के बारे में। इस समिति के अन्य सदस्यों में आईआईटी बंबई के अभय करंदिकर, आईआईएससी बेंगलूरु के एच कृष्णमूर्ति और ट्राइग्नॉन हेल्थ के संस्थापक निदेशक विभाकर भूषण शामिल हैं।
मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘समिति अपनी रिपोर्ट 15 मार्च तक सौंप देगी।’
सेबी ने 2019 में इस तरह के व्यवधान की स्थिति में कारोबार को जारी रखने की योजना तैयार की थी। इसी क्रम मेंं एक्सचेंज और क्लीयरिंग कॉरपोरेशन सहित बाजार के संस्थागत बुनियादी ढांचे के लिए आपदा रिकवरी साइट को बनाए रखने की योजना बनाई गई थी। सेबी ने हर छह महीने में लगातार दो दिनों के लिए आपदा रिकवरी साइट से लाइव ट्रेडिंग करने और तिमाही आधार पर आपदा रिकवरी ड्रिल को आयोजित करने की अनुमति दी थी।
नियामक के एक सूत्र ने कहा, ‘इंटरऑपरेबिलिटी के अप्रभावी रहने के कारण ब्रोकरों को अपने ग्राहकों के लिए ट्रेडिंग की स्थिति के बारे में मजबूरन बातचीत करनी पड़ी जिससे निवेशकों को काफी नुकसान हुआ। शुरुआती आकलन के अनुसार, नुकसान हजारों करोड़ रुपये में हो सकता है।’
सूत्रों के अनुसार, बाजार नियामक एनएसई की उन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ कि उसके दो दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की सेवाओं में कुछ समस्या पैदा हो गई थी। बाजार नियामक ने प्रथम दृष्टिया किसी भी साइबर हमले की आशंका को खारिज किया है। विशेषज्ञ पैनल को एनएसई द्वारा तैनातक की गई प्रौद्योगिकी की जांच करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही यह भी पता लगाने के लिए कहा गया है कि क्या एक्सचेंज सभी श्रेणियों में भारी खरीद-फरोख्त को बरकरार रखने की स्थिति में है।
इस बीच, वित्त मंत्रालय इस मामले में सेबी और एक्सचेंज द्वारा विस्तृत विश्लेषण का इंतजार कर रहा है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें इस मुद्दे के बारे में अवगत कराया गया है लेकिन आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय विस्तृत विवरण के आधार पर लिया जाना है।’ उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी ने कुछ उपायों की आवश्यकता को भी उजागर किया है जिस पर मंत्रालय काम कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह के व्यवधान से बचा जा सके। जब उनसे पूछा गया कि क्या एक्सचेंज की जवाबदेही तय होगी और उसे दंडित किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि जांच के परिणाम पर निर्भर करेगा।
