प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने निवेशकों को फर्जी ऐप्स से बचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। SEBI के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने शनिवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर्स फोरम के कैपिटल मार्केट कॉन्फ्लुएंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि SEBI ने गूगल से अनुरोध किया है कि वह प्ले स्टोर पर रजिस्टर्ड ब्रोकिंग ऐप्स के लिए वेरिफिकेशन टिक मार्क की सुविधा शुरू करे। गूगल ने इस अनुरोध को मान लिया है और अगले दो महीनों में यह सुविधा प्ले स्टोर पर दिखने लगेगी।
वार्ष्णेय ने कहा कि जब आप प्ले स्टोर खोलेंगे, तो रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर्स की ऐप्स के साथ एक टिक मार्क दिखेगा। यह टिक निवेशकों को यह समझने में मदद करेगा कि कौन सी ऐप सही है और कौन सी नकली। SEBI की इस पहल का मकसद निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, SEBI ने फ्रॉड रोकने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए हैं, जैसे वैलिड यूपीआई पहल और ‘SEBI वर्सेज स्कैम’ अभियान, जो निवेशकों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
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SEBI कमोडिटी मार्केट को फिर से मजबूत करने की दिशा में भी काम कर रहा है। वार्ष्णेय ने बताया कि कमोडिटी मार्केट में कुछ चुनौतियां हैं, जिनमें ब्रोकर्स अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक सीमाओं की वजह से स्पॉट ट्रांजैक्शन नहीं हो सकते, क्योंकि यह राज्य सरकारों के दायरे में आता है। किसानों को तुरंत पैसे चाहिए, जो फ्यूचर सेटलमेंट का इंतजार नहीं कर सकते। ऐसे में ब्रोकर्स कमोडिटी मार्केट को और बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। SEBI इस दिशा में तरलता बढ़ाने के उपाय भी कर रहा है।
इसके साथ ही, SEBI एल्गोरिदमिक (एल्गो) ट्रेडिंग को लागू करने की चुनौतियों पर भी काम कर रहा है। वार्ष्णेय ने कहा कि एल्गो ट्रेडिंग भविष्य की जरूरत है। पहले इसकी समयसीमा को बढ़ाया गया था, क्योंकि इसे लागू करने में कुछ दिक्कतें थीं। अब SEBI ने दिसंबर तक सब कुछ ठीक करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि तब तक एल्गो ट्रेडिंग से जुड़ी सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।