प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को कहा कि पिछले 18 महीनों में नियामक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 1,00,000 से ज्यादा गैरकानूनी या भ्रामक सामग्री का पता लगाया है। सेबी प्रमुख नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में वर्ल्ड इन्वेस्टर वीक 2025 कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे थे। निवेशकों में जागरूकता बढ़ाने और धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के अपने अभियान के हिस्से के रूप में सेबी ने कई नए उपाय शुरू किए हैं। इनमें पंजीकृत मध्यस्थों को भुगतान के लिए मान्य यूपीआई हैंडल और सेबी चेक सत्यापन टूल शामिल हैं।
नियामक अपनी पहुंच बढ़ाने और अवैध बाजार गतिविधियों पर नजर रखने के लिए राज्यों की राजधानियों और प्रमुख शहरों में स्थानीय कार्यालय भी खोल रहा है। पांडेय ने निवेशकों को उन धोखेबाजों से सावधान रहने को कहा, जो सुरक्षित निवेश के नाम पर ज्यादा जोखिम वाली योजनाओं के जरिये सतर्क बचतकर्ताओं को निशाना बनाते हैं।
पांडेय ने कहा, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से जहां बाजार हमारी उंगलियों पर आ गया है, वहीं उसने धोखेबाजों को निवेशकों को धोखा देने के नए साधन भी दिए हैं। मैसेजिंग ऐपों, संदिग्ध ‘फ़िनफ्लुएंसरों’ और फर्जी ट्रेडिंग ऐपों/वेबसाइटों पर अनचाहे संदेश ऐसा वादा करते हैं, जो हमारे बाजार कभी नहीं दे सकते यानी- गारंटीड रिटर्न।
उन्होंने भारत की कम बाजार भागीदारी दर का भी जिक्र किया और कहा कि वर्तमान में केवल 15 फीसदी शहरी और 6 फीसदी ग्रामीण आबादी ही बाजारों से जुड़ी हुई है। पांडे ने निवेशकों से अपने वित्तीय लक्ष्यों को स्पष्ट करने का आग्रह किया, खास तौर पर इसलिए कि अध्ययनों में डेरिवेटिव खंड में खुदरा को बार-बार घाटा दिखाया गया है।
पांडेय ने कहा, डेरिवेटिव हेजिंग और जोखिम प्रबंधन के लिए होते हैं, न कि तुरंत लाभ के लिए। इसलिए खुदरा निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता का आकलन करना चाहिए, इन अनुबंधों के काम करने के तरीके को समझना चाहिए और सटोरिया कारोबार से बचना चाहिए।
इस बीच, एनएसई ने निवेशक जागरूकता पहलों की श्रृंखला की घोषणा की, जिसमें क्विज, 40 स्थानों पर शिक्षा सत्र और इंटरैक्टिव वित्त खेल शामिल हैं, जिनका मकसकद निवेशकों को घोटालों की पहचान में मदद करना है। एनएसई के चेयरमैन का पदभार संभालने के बाद पहली बार आम लोगों को संबोधित करते हुए श्रीनिवास इंजेती ने इस बात की पुष्टि की है कि एक्सचेंज का लंबे समय से प्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) तय समय पर ही आएगा। उन्होंने कहा, हम सही रास्ते पर हैं। एनएसई की सार्वजनिक सूचीबद्धता का मकसद यह दिखाना है कि वह एक सूचीबद्ध कंपनी से जो अपेक्षाएं रखी जाती है, उन पर खरा उतरता है। यह एक मिसाल कायम करेगा। भले ही यह सूचीबद्ध न हो, लेकिन यह व्यापक स्वामित्व वाली कंपनी है और इसके लगभग 1,80,000 शेयरधारक हैं।