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SEBI ने खुलासों और संबंधित पक्ष लेनदेन के मानकों में बदलाव किए

सेबी ने बदलावों का प्रस्ताव जून में पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर रखा था।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- December 15, 2024 | 10:42 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी), प्रवर्तकों के पुनर्वर्गीकरण और सेक्रेटरियल ऑडिट जैसे क्षेत्रों में लिस्टिंग दायित्व और खुलासा आवश्यकताओं (एलओडीआर) के नियमों में कई बदलावों को अधिसूचित किया है।

एलओडीआर में संशोधनों में कारोबार को आसान बनाने के कई उपाय भी शामिल हैं। जैसे कुछ खुलासों के लिए समय-सीमा बढ़ाना और सीमा के आधार पर कर विवादों का खुलासा करना।

12 दिसंबर की अधिसूचना में कहा गया, ‘प्रमोटर, निदेशक या प्रमुख प्रबंधन कर्मी के अलावा वरिष्ठ प्रबंधन की धोखाधड़ी का खुलासा केवल तभी करना होगा जब यह सूचीबद्ध इकाई के संबंध में हो।’

बाजार नियामक ने आरपीटी की परिभाषा में कुछ छूट भी प्रदान की है। जैसे किसी सूचीबद्ध इकाई की सहायक कंपनियों द्वारा की गई कॉरपोरेट कार्रवाइयां और सूचीबद्ध इकाई या उसकी सहायक कंपनियों पर हुई कॉरपोरेट कार्रवाइयां, जो सभी शेयरधारकों पर उनकी शेयरधारिता के अनुपात में समान रूप से लागू होती हैं।

इसके अलावा, प्रवर्तक समूह को छोड़कर निदेशकों, प्रमुख अधिकारियों और वरिष्ठ प्रबंधन को पारिश्रमिक और अन्य शुल्क के भुगतान को संबंधित पक्ष लेनदेन मानदंडों के तहत ऑडिट कमेटी की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।

प्राइमस पार्टनर्स में प्रबंध निदेशक श्रवण शेट्टी ने कहा, ‘नया नियम (विशेष रूप से विशिष्ट प्रतिबंधों के तहत ऑडिट कमेटी से पारिश्रमिक अनुमोदन की छूट) कंपनियों, विशेषकर छोटी के लिए अनुपालन को सरल बनाने में मदद करता है। यह उन छोटी कंपनियों की मदद की दिशा में स्वागत योग्य कदम है जो हाल में सूचीबद्ध हुई हैं और उनके पास सभी सूचीबद्धता शर्तों को पूरा करने के लिए बड़ी अनुपालन टीमें नहीं हैं।’

सेबी ने ऐसी शर्तें भी रखी हैं, जिनके तहत स्वतंत्र निदेशक (जो ऑडिट कमेटी के सदस्य हैं) संबंधित पक्ष के लेनदेन का कार्योत्तर अनुमोदन लेनदेन से तीन महीने के अंदर या तत्काल अगली बैठक में, जो भी पहले हो, दे सकते हैं। बाजार नियामक ने प्रमोटरों को ‘सार्वजनिक शेयरधारकों’ के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने के लिए भी शर्तें निर्धारित की हैं।

सेबी ने बदलावों का प्रस्ताव जून में पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर रखा था। सितंबर की बोर्ड बैठक में इन्हें मंजूरी दी थी। नए मानकों के तहत कंपनियों को अगले कारोबारी दिन से पहले आय के बाद की या तिमाही कॉल की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध करानी होगी।

First Published : December 15, 2024 | 10:42 PM IST