facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Vodafone, Tata Motors, Bajaj Finance समेत इन स्टॉक्स पर रहेगी निवेशकों की नजर; चेक करें लिस्टहाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण कियासड़क हादसे में मौतें 30 वर्ष में सबसे ज्यादा, प्रति 1 लाख की आबादी पर 12.5 मौतें हुईंछोटी कारों को छूट पर नहीं बनी सहमति, SIAM ने BEE को कैफे-3 और कैफे-4 मसौदे पर अंतिम टिप्पणियां सौंपी

डेरिवेटिव ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने पर जल्दबाजी में नहीं दिख रहा SEBI

NSE को उम्मीद है कि मार्च 2024 तक बाजार में डेरिवेटिव ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाए जाएंगे।

Last Updated- January 22, 2024 | 10:17 PM IST
Stock Market Today

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया यानी एनएसई के प्रमुख आशीष कुमार चौहान ने जब दिसंबर 2022 में यह संकेत दिया कि ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाए जा सकते हैं, तो डेरिवेटिव ट्रेडर्स की राय इस पर बंटी हुई थी।

एक धड़े ने इसका स्वागत किया और इसे वैश्विक खबरों के असर को सहन करने के अवसर के रूप में देखा, तो दूसरे धड़े को हिचक थी और उनकी चिंता यह थी कि इससे इस सेगमेंट में उतार-चढ़ाव और बढ़ जाएगा, जहां कि पहले से ही 90 फीसदी ट्रेडर्स नुकसान में रहते हैं।

इसके छह महीने बाद एनएसई ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी के पास एक प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया कि शाम 6 से 9 बजे तक भी इंडेक्स डेरिवेटिव के ट्रेडिंग की इजाजत दी जाए, बाद में और लंबे सत्र की एक शुरुआत के रूप में।

उसे उम्मीद थी कि तीन घंटे ट्रेडिंग के इस विस्तार की शुरुआत मार्च 2024 तक हो जाएगी, लेकिन अब यह संभव नहीं लगता। ऐसा नहीं कि ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने की बात सिर्फ भारतीय एक्सचेंजों पर ही हो रही हो। दक्षिण कोरिया के एक्सचेंज संचालक ने भी रात के समय ट्रेडिंग चलाने की मंजूरी मांगी है ताकि वैश्विक खबरों के असर को कम किया जा सके।

भारत में नकदी वाले शेयर बाजार में ट्रेडिंग के घंटे अमेरिका की तरह ही हैं, लेकिन अमेरिका में एनवाईएसई और नैस्डेक जैसे कई एक्सचेंज शाम को भी डेरिवेटिव कारोबार सत्र चलाते हैं। सीएमई ग्रुप और सिंगापुर एक्सचेंज जैसी संस्थाओं के कई प्रमुख सूचकांक एक तरह से देखें तो चौबीसों घंटे चलते हैं।

रूस के मॉस्को एक्सचेंज में सुबह 7 बजे से आधी रात तक इक्विटी डेरिवेटिव कारोबार होता है और यूरोप का यूरेक्स एक्सचेंज रात 10 बजे तक खुला रहता है। हालांकि भारतीय बाजार का नियामक ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने की जल्दबाजी नहीं करना चाहता और इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहता है।

नियामक सूत्रों के मुताबिक सेबी बाजार पर असर, बुनियादी ढांचे की तैयारी और शाम के सत्र में निवेशकों की कितनी रुचि है, इन सबके बारे में ब्रोकरों और निवेशकों से फीडबैक जुटाना चाहता है।

सूत्रों के मुताबिक सेबी ने एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एनएनएमआई), बॉम्बे स्टॉक्स एक्सचेंज ब्रोकर्स फोरम और कमोडिटी पार्टिसिपैंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसी ब्रोकर संस्थाओं से नए सिरे से राय मांगी है।

अपने प्रस्ताव जमा करने से पहले एनएसई ने भी करीब नौ महीने तक बाजार के कई तरह के भागीदारों से परामर्श किया और उसका दावा है कि इस बारे में ‘बड़े पैमाने पर सहमति है।’

सूत्रों के मुताबिक हालांकि एक्सचेंज ने इस तरह का कोई अनुमान नहीं लगाया है कि ट्रेडिंग की मात्रा कितनी हो सकती है या यह आकलन नहीं किया है कि शाम के सत्र में कितने निवेशक और ट्रेडर्स शामिल हो सकते हैं?

दूसरी तरफ, बीएसई ने अभी तक कारोबार के घंटे बढ़ाने का कोई अनुरोध नहीं किया है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस बारे में कई पक्षों की राय जानने की कोशिश की लेकिन सेबी, एनएसई, बीएसई और एएनएमआई को भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। नवंबर महीने में सेबी की बोर्ड मीटिंग के बाद इसकी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि इस प्रस्ताव के बारे में अहम पक्षों से व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है।

क्या है समस्या?

परंपरागत और छोटे ब्रोकर पहले से ही तकनीकी प्रधान डिस्काउंट ब्रोकरों और बैंक आधारित इकाइयों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं और वे इस प्रस्ताव में बहुत रुचि नहीं दिखा रहे। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि वित्त वर्ष 2022-23 में एनएसई के सक्रिय ग्राहकों में डिस्काउंट ब्रोकरों का हिस्सा करीब 60 फीसदी है।

परंपरागत ब्रोकरों को इस बात की चिंता है कि ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने में जो ऊंची लागत आएगी वह उनके द्वारा हो सकने वाली अतिरिक्त कमाई की तुलना में ज्यादा होगी। श्रमशक्ति, निगरानी, तकनीकी तैयारी और तंत्र की क्षमता जैसे कामकाजी मसले भी उनकी आशंकाओं को बढ़ा रहे हैं।

इन सबके समाधान के लिए उन्हें अतिरिक्त संसाधन लगाने होंगे और लंबे समय तक सक्रिय बैक ऑफिस की व्यवस्था करनी होगी जिसका मतलब यह है कि उन्हें अतिरिक्त खर्च करना होगा।

एनआरई ग्राहकों को सेवाएं देने वाले एक ब्रोकर ने कहा, ‘अतिरिक्त समय की मांग ऐसे डिस्काउंट ब्रोकर्स की तरफ से आई है जिनके जरिए ऊंची मात्रा में डेरिवेटिव ट्रेडिंग होती है। इससे छोटे निवेशकों को कोई फायदा नहीं है।

इससे केवल शाम को दबाव बढ़ेगा।’उन्होंने कहा कि छोटे से लेकर मध्यम आकार के ब्रोकरों के लिए तो यह कई तरह की लागत और मानव संसाधन के दबाव को बढ़ाने वाला होगा और उन्हें इसका कोई खास फायदा भी नहीं मिलेगा।

विशेषज्ञों ने यह संकेत दिया है कि कुछ बैंक आधारित ब्रोकर भी समय आगे बढ़ाने के पक्ष में शायद न हों, क्योंकि उनके ग्राहक मुख्यत: संस्थागत निवेशक होते हैं।

एक परंपरागत ब्रोकर ने सुझाव दिया, ‘समय आगे बढ़ाने से मध्यस्थों को हेजिंग के अवसर मिल सकते हैं। इस कारोबार में हिस्सेदारी लेने के इच्छुक घरेलू निवेशक अपने उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) सीमा का इस्तेमाल करते हुए गिफ्ट निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट का फायदा उठा सकते हैं।’

गिफ्ट ऑप्शन

गिफ्ट निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट, जो कि गिफ्ट सिटी के अंतरराष्ट्रीय एक्सचेजों में ट्रेड होने वाला डॉलर में संचालित निफ्टी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट है, करीब 22 घंटे तक उपलब्ध रहता है। इस उद्योग के कई जानकार विदेशी एक्सचेंजों को भारतीय कारोबार में हावी होने के प्रति चेताते हुए इस बात पर जोर देते हैं कि भारतीय एक्सचेंजों या गिफ्ट सिटी के जरिए सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है।

पिछले साल जुलाई में भारत निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट्स को सफलतापूर्वक एसजीएक्स से देश में लेकर आया था। दिसंबर 2023 में गिफ्ट निफ्टी में करीब 65.5 अरब डॉलर का कारोबार हुआ, जबकि इसके पिछले महीने में 61.7 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था। यूरेक्स एक्सचेंज पर एमएससीआई इंडिया फ्यूचर्स ने दिसंबर में 58 लाख डॉलर का औसत दैनिक कारोबार हासिल किया जो दिसंबर 2022 के 27 लाख डॉलर की तुलना में बहुत ज्यादा है।

एक्सचेंजों पर अनुभव रखने वाले एक विशेषज्ञ डेरिवेटिव सेगमेंट में कारोबार के दौरान नकद इक्विटी बाजार के बंद रहने के बारे में चिंताओं पर कहते हैं, ‘वैश्विक स्तर पर उत्पादों की हेजिंग, खासकर इंडेक्स डेरिवेटिव में यह स्वीकार्य दस्तूर है। कहीं भी चौबीसों घंटे नकद इक्विटी कारोबार नहीं होता। तो यही हमारे गिफ्ट निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट के मामले में भी होगा।’

बाजार नियामक जहां फ्यूचर्स और ऑप्शन्स के बारे में जोखिमों को लेकर चेताते रहते हैं, वहीं उनसे लगातार यह मांग की जा रही है कि हेजिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए शाम का सत्र चलाया जाए। एक ब्रोकर कहते हैं, ‘इस मांग की गहराई और ट्रेडर और निवेशक की संभावित भागीदारी को समझने की जरूरत है।’

संतुलन बनाने की जरूरत

एनएसई के प्रस्ताव में यह तर्क दिया गया है कि समय विस्तार से भारतीय निवेशक अपने पोजीशन को हेज कर पाएंगे, तरलता बढ़ेगी और विदेशी एक्सचेंजों से काफी कारोबार हासिल कर लिया जाएगा।

तर्क यह है कि यूरोपीय और अमेरिकी बाजार, जो कि वैश्विक शेयरों के प्रमुख वाहक हैं, तब सक्रिय रहते हैं जब भारत का घरेलू बाजार बंद रहता है। इसकी वजह से भारत में रहने वाले ट्रेडर्स को नुकसान होता है।

उदाहरण के लिए जब बाजार भारी गिरावट से खुलता है जैसे कि कोरोनावायरस महामारी या रूस-यूक्रेन संकट के दौरान, तो निवेशकों के पास यह मौका नहीं होता कि डेरिवेटिव से होने वाले नुकसान से बचने के लिए हेज कर सकें।

उदाहरण के लिए 23 मार्च 2020 को सेंसेक्स करीब 8 फीसदी की गिरावट के साथ खुला, क्योंकि इसके एक दिन पहले ही जनता कर्फ्यू लगा दिया गया था और यह संकेत मिल रहा था कि देश में पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया जाएगा। इसी तरह, रूस ने जब यूक्रेन पर हमला कर दिया तो 24 फरवरी 2022 को सेंसेक्स 3 फीसदी गिरावट के साथ खुला।

कई ब्रोकर्स कहते हैं कि शाम के सत्र में इंडेक्स डेरिवेटिव के जरिए हेजिंग का मौका मिलने से निवेशकों को इस तरह के हालात में अपने नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।

4,00,000 से ज्यादा ग्राहक रखने वाले एक डिस्काउंट ब्रोकर कहते हैं, ‘अगर भारत एक वैश्विक निवेश गंतव्य बनना चाहता है, तो हमारे बाजारों को चौबीसों घंटे खोले रखना होगा।’ तो गेंद अब सेबी के पाले में है, देखना होगा कि वह संतुलन बनाने की इस कलाकारी में कितना सफल होता है।

First Published - January 22, 2024 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट