शेयर बाजार में आई 30 फीसदी की गिरावट के बाद कई निवेशक अब सुरक्षित निवेश के दरवाजे ढूंढने लगे हैं।
ऐसे बाजार में तो टैक्स के बाद 5-6 फीसदी का रिटर्न ढूंढना भी मुश्किल लगने लगा है।बात करते है तगड़े डिविडेंड वाले शेयरों की। ऐसे शेयर अच्छा डिविडेंड तो देते ही हैं और जब बाजार चढ़ता है तो इनकी वैल्यू भी बढने लगती है।
ऐसे शेयर को चुनने के लिए आपको कंपनियों के डिविडेंड ईल्ड पर नजर रखनी होगी। किसी भी कंपनी का डिविडेंड ईल्ड निकालना आसान है, कंपनी प्रति शेयर जितना डिविडेंड दे रही हो उसे शेयर के बाजार भाव से भाग दें और जो आंकड़ा आए उसे सौ से गुणा कर दें, बस निकल आया डिविडेंड ईल्ड।
यानी किसी शेयर का बाजार भाव 100 रुपए है और प्रति शेयर डिविडेंड 10 रुपए है तो इसका डिविडेंड ईल्ड निकलेगा 10 फीसदी।इस समय बाजार में करीब ऐसे 310 शेयर हैं जिनका डिविडेंड ईल्ड बैंक के बचत खातों में मिलने वाले 3.5 फीसदी के ब्याज से ज्यादा है। इनमें से करीब 93 शेयर ऐसे हैं जिनके 2006-07 के डिविडेंड पेआउट से साफ है कि इनका डिविडेंड ईल्ड 6 फीसदी से ज्यादा है।
अगर ये कंपनियां अपना शुध्द लाभ मौजूदा कारोबारी साल में उतना ही रख पाती है जितना कि 2006-07 में था तो आने वाले साल में भी उम्मीद है कि ये कंपनियां उतना ही डिविडेंड देंगीं। उतार-चढ़ाव वाले बाजार में डिविडेंड वाले शेयर ग्रोथ वाले स्टॉक्स से बेहतर होते हैं। ये शेयर गिरते हुए बाजार में भी उतनी तेजी से नहीं गिरते।
अगर निवेशक के पास अच्छे डिविडेंड ईल्ड वाले शेयर हैं और वो अपना पोर्टफोलियो समय समय पर संतुलित करता चलता है तो उसे बाजार के इंडेक्स से भी ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
बिजनेस स्टैंडर्ड रिसर्च ब्यूरो की स्टडी के मुताबिक इस साल के नौ महीनों के प्रॉफिट ग्रोथ (मौजूदा कारोबारी साल के पहले नौ महीनों में इनका औसत लाभ 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है) के मुताबिक इन 310 कंपनियों का डिविडेंड पेआउट भी इस साल उतना तो होना ही चाहिए। जिन 93 कंपनियों का ईल्ड 6 फीसदी से ज्यादा रहा है, उनका औसत रिटर्न 25 फीसदी से ज्यादा रहा है। इन कंपनियों का लगातार तीन साल तक अच्छा डिविडेंड देने का रिकार्ड है। यही नही इनमें से 27 कंपनियां ऐसी हैं जिनके शेयर का बाजार भाव पिछले एक साल में दोगुना हो गया है।