सूचीबद्ध रियल एस्टेट निवेश ट्रस्टों (REITs) के शेयर अपनी जनवरी की ऊंचाई से 9-12 प्रतिशत गिरकर इस महीने निचले स्तर पर आ गए हैं। बजट में ऋण अदायगी के लिए कर चिंताओं की वजह से धारणा नकारात्मक हुई है, वहीं नियुक्तियों में सुस्ती और लीज प्रभाव के साथ साथ ऊंची ब्याज दरों से भी अल्पावधि में इस क्षेत्र की रफ्तार प्रभावित हो सकती है।
इस क्षेत्र के लिए जिस वजह से अनिश्चितता बढ़ रही है, वह है डेवलपमेंट ऑफ एंटरप्राइजेज ऐंड सर्विसेज हब (देश) बिल की मंजूरी में विलंब।
विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नियंत्रित करने वाली नियामकीय सख्ती में ढील को देखते हुए देश विधेयक से ऑक्यूपेंसी लेवल यानी परिसंपत्ति पर दखल स्तर में सुधार आने की उम्मीद थी।
अल्पावधि में, बाजार का ध्यान सूचीबद्ध कंपनियों के परिचालन मानकों और परिदृश्य पर बना रहेगा, क्योंकि कुछ कंपनियों ने लीज संबंधित निर्णयकों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
आईसीआईसीआईसिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक अधिदेव चट्टोपाध्याय का मानना है कि बढ़ती ब्याज दरों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा नियुक्तियों में सुस्ती के तौर पर वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से पट्टा संबंधित बड़े निर्णयों में सुस्ती आई और कम से कम इनमें दो तिमाहियों (जनवरी से जून तक) के विलंब को बढ़ावा मिला।
भारतीय कार्यालय क्षेत्र की मांग में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का 67 प्रतिशत योगदान है। उनका मानना है कि हालांकि गैर-एसईजेड क्षेत्र के लिए छोटे और मझोले सौदों की मांग करीब 100,000 वर्ग फुट तक मजबूत बनी हुई है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही) में ऑक्यूपेंसी स्तर कंपनियों के लिए स्थिर रहा या इसमें मामूली सुधार आया। सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी एम्बेसी ऑफिस पार्क्स रीट ने तीसरी तिमाही में नए पट्टे एवं नवीकरण सौदे दर्ज किए, और उनके ऑक्यूपेंसी स्तर में सुधार आया।
ऐक्सिस कैपिटल के विश्लेषकों समर शारदा और आशुतोष मित्तल का मानना है कि रीट वित्त वर्ष 2023 के लिए 50 लाख वर्ग फुट का सकल लीज अनुमान का आंकड़ा पार करेंगी, भले ही उन्होंने अनुमान से अधिक पट्टे सौदे समाप्त किए हैं।
माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स रीट (माइंडस्पेस) के लिए दिसंबर तिमाही मजबूत रही, क्योंकि कंपनी को मजबूत पट्टा गतिविधि और कम पट्टे समाप्त होने से मदद मिली। कंपनी ने जुलाई-सितंबर तिमाही के 86.9 प्रतिशत के मुकाबले ऑक्यूपेंसी स्तर बढ़ाकर 88.3 प्रतिशत करने पर ध्यान केंद्रित किया। हालांकि यह उत्साहजनक है, लेकिन महंगे कर्ज को देखते हुए ब्याज लागत बढ़ने का अनुमान है।
माइंडस्पेस ने संकेत दिया है कि 20 लाख वर्ग फुट की परियोजनाएं (एरोली और पुणे) वित्त वर्ष 2023 में पूरी हो जाएंगी और इससे वित्त वर्ष 2024 के दौरान 150 करोड़ रुपये की किराया आय जुड़ जाएगी। आईआईएफएल रिसर्च का कहना है कि हालांकि अगली कुछ तिमाहियों के दौरान ब्याज खर्च में 50-75 आधार अंक तक की वृद्धि होगी और कर्ज को घटाने के प्रयासों से काफी हद तक इसे नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
इसी तरह एम्बेसी के लिए पुनर्वित प्रक्रिया मौजूदा 6.6 प्रतिशत की औसत दर के मुकाबले ऊंची दर से जुड़ी रह सकती है। एम्बेसी के लिए 4,100 करोड़ रुपये के निर्धारित लागत वाले कर्ज की अवधि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में पूरी हो रही है। पुनर्वित्त की वजह से कर्ज की लागत बढ़ने से कंपनी का वित्त वर्ष 2024 का अनुमानित शुद्ध वितरण योग्य नकदी प्रवाह 4 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है।
बजट में घोषित बदलावों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से भी धारणा प्रभावित हुई है। रीट के ऋण के पुनर्भुगतान पर वित्त वर्ष 2024 से कर लगेगा।
आईआईएफएल रिसर्च का कहना है कि एम्बेसी और ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट के लिए 37-47 प्रतिशत वितरण यूनिटधारकों के हाथों में कर योग्य है जिससे उनका कर-बाद प्रतिफल 1 प्रतिशत अंक तक घट रहा है।
माइंडस्पेस यूनिटधारक प्रभावित नहीं हुए हैं, क्योंकि 90-93 प्रतिशत वितरण भुगतान के तौर पर 7-10 प्रतिशत ब्याज के तौर पर किया गया है।
सूचीबद्ध रीट्स के प्रबंधन का यह भी कहना है कि देश विधेयक से संबंधित विलंब की वजह से एसईजेड में मौजूदा इकाइयों के आंशिक उपयोग को बढ़ावा मिल रहा है।
रीट की राह में कई अल्पावधि समस्याओं को देखते हुए निवेशकों को सूचीबद्ध शेयरों पर ध्यान देने से पहले नियामकीय चिंताओं पर स्पष्टता आने और नियुक्ति परिदृश्य सुधरने का इंतजार करना चाहिए।