बर्न्सटीन के विश्लेषकों ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) अगले कुछ वर्षों के दौरान भारत के स्वच्छ ऊर्जा (clean energy) अवसरों की सबसे बड़ी लाभार्थियों में से एक होगी। उसने 3,040 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखी है, जो मौजूदा स्तरों से करीब 20 प्रतिशत तेजी है।
बर्न्सटीन के प्रबंध निदेशक (MD) नील बेवरिज ने एक रिपोर्ट में लिखा है, ‘भारत ने 2030 तक सौर क्षमता का लक्ष्य 280 गीगावॉट और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन 50 लाख टन रहने का लक्ष्य रखा है। हमारा मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की पैठ यात्री वाहनों (PV) और वाणिज्यिक वाहनों में 5 प्रतिशत और दोपहिया पैठ 21 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
स्वच्छ ऊर्जा वर्ष 2030 में 30 अरब डॉलर का टोटल एड्रेसेबल मार्केट (TAM) बन सकता है, जो मौजूदा समय में 10 अरब डॉलर पर है। वहीं वर्ष 2050 तक, हमें यह टीएएम 200 अरब डॉलर पर पहुंचने और कुल खर्च 2 लाख करोड़ डॉलर हो जाने का अनुमान है। ’बेवरिज का मानना है कि RIL वर्ष 2030 में नए ऊर्जा व्यवसाय से 10 अरब डॉलर का राजस्व हासिल कर सकती है।
बर्न्सटीन की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सौर के संदर्भ में हमारा मानना है कि RIL वर्ष 2030 तक 100 गीगावॉट इंस्टॉलेशन तक पहुंच सकती है, जो 280 गीगावॉट की कुल भारतीय सौर क्षमता का 36 प्रतिशत है। बैटरियों के लिए RIL 36 प्रतिशत की समान बाजार भागीदारी हासिल कर सकती है। हाइड्रोजन के संदर्भ में हमारा मानना है कि रिलायंस वर्ष 2030 तक 16 गीगावॉट की संयुक्त इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता के साथ करीब 19 प्रतिशत बाजार भागीदारी हासिल कर सकती है।’
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विश्लेषकों का मानना है कि इसके अलावा, RIL के लिए नए व्यवसायों की वैल्यू काफी हद तक रिलायंस न्यू एनर्जी के व्यवसाय बढ़ाने के लिए कंपनी की क्षमता पर ज्यादा निर्भर है।
मार्जिन वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि RIL के ऑयल-टु-केमिकल (O2C) व्यवसाय ने पिछले साल बेहतर प्रदर्शन किया और मार्जिन तेजी से सुधरकर कोविड से पहले जैसे स्तर पर पहुंच गया। विश्लेषकों का मानना है कि रूसी तेल को खरीदार तलाशने में समस्या होने और यूरोप में डीजल आपूर्ति की किल्लत की वजह से आरआईएल को मौजूदा बाजार परिवेश में बढ़त बनाने का अवसर मिलेगा।
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रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2024 के लिए, हमारा मानना है कि RIL 630 अरब रुपये का O2C एबिटा (सालाना आधार पर 1 प्रतिशत तेजी) दर्ज कर सकती है, जो 631 अरब रुपये के अनुमान के अनुरूप है। ओ2सी एबिटा पर हमारा दीर्घावधि नजरिया काफी हद तक ऐतिहासिक स्तरों के अनुरूप है, हालांकि इसमें कोई बड़ी क्षमता वृद्धि शामिल नहीं है।’
बर्न्सटीन को वित्त वर्ष 2024 में O2C व्यवसाय का कंपनी के एबिटा में बड़ा योगदान रहने का अनुमान है।