विश्लेषकों का मानना है कि जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही सीमेंट क्षेत्र के लिए असाधारण रही है। जहां कीमतों में वृद्धि सामान्य बात है, वहीं बिक्री में वृद्धि के बावजूद सीमेंट कीमतें औसत तौर पर घटी हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मार्च तिमाही में मार्जिन एक साल पहले के मुकाबले मजबूत रह सकता है लेकिन तिमाही आधार पर दबाव देखा जा सकता है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, मोतीलाल ओसवाल, नुवामा और ऐंटीक को अपने कवरेज वाली कंपनियों के लिए एबिटा एक साल पहले से 19 से 28 प्रतिशत के दायरे में बढ़ने का अनुमान है। इसी तरह बिक्री भी 8-10 प्रतिशत के दायरे में बढ़ने की संभावना है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्हें वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में उद्योग की बिक्री 6-7 प्रतिशत के बीच बढ़ने की संभावना है जो वित्त वर्ष 2024 के पहले 9 महीनों में 9 प्रतिशत रही। उनका मानना है कि कंपनियों के हिसाब से बात की जाए तो अंबुजा सीमेंट्स और जेके सीमेंट 15 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक बिक्री वृद्धि दर्ज करेंगी।
नुवामा के विश्लेषकों का कहना है, ‘ऐतिहासिक तौर पर चौथी तिमाही बिक्री वृद्धि के लिहाज से इस उद्योग के लिए मजबूत तिमाही मानी जाती है क्योंकि कीमतें दायरे में बनी रहती हैं। हालांकि होड़ तेजी के कारण पूरे देश में कीमतें तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत तक घट गईं।’
नुवामा का मानना है कि कम आधार के कारण सीमेंट कंपनियों के मार्जिन में सुधार होगा, लेकिन तिमाही आधार पर प्रत्येक में 200 आधार अंक तक की गिरावट आएगी। ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों को भी वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में समान रुझान बने रहने का अनुमान है।
उनका कहना है, ‘तिमाही आधार पर औसत एबिटा/प्रति टन 100 रुपये प्रति टन तक घट सकता है, हालांकि सालाना आधार पर यह 150 रुपये प्रति टन सुधरकर 1,070 रुपये पर पहुंच सकता है।’
उनका कहना है कि कम प्राप्तियों की भरपाई परिचालन दक्षता के लाभ और कम ईंधन लागत से हो सकती है। मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि बाजार दिग्गज अल्ट्राटेक सीमेंट अपनी बिक्री में 11 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करेगी और उसका प्रति टन एबिटा एक साल पहले के 1,049 रुपये के मुकाबले मामूली बढ़कर 1,069 रुपये पर रहेगा। सीमेंट कंपनियों ने अप्रैल से विभिन्न बाजारों के लिए कीमत वृद्धि की घोषणा की है।
नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘सीमेंट कीमतें सितंबर-अक्टूबर 2023 में हुई कीमत वृद्धि के बाद पांच महीने तक लगातार नीचे बनी रहीं। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही को मजबूत अवधि समझे जाने के बावजूद तिमाही आधार पर प्राप्तियां 5 प्रतिशत घटने का अनुमान है।’विश्लेषकों का मानना है कि अप्रैल में कीमत वृद्धि की घोषणाओं से इस उद्योग को राहत मिलेगी।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि बड़ी क्षमता वृद्धि की वजह से कीमतों में उतार-चढ़ाव रह सकता है। कंपनी के अनुसार भारत में चार प्रमुख सीमेंट निर्माताओं द्वारा वित्त वर्ष 2025 में 4 करोड़ टन से ज्यादा क्षमता जोड़े जाने की संभावना है।