बिक्री में मजबूती की कवायद के तहत फंड हाउस की तरफ से म्युचुअल फंड वितरकों को प्रायोजित यात्राओं की पेशकश सेबी के रेडार में आ गई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। नियामक ने यह सूचना उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) को भेज दी है, जिसने अपनी तरफ से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को पिछले 10 महीनों में दूसरी बार ऐसे चलन से बचने को कहा है।
एम्फी ने 9 जनवरी को लिखे पत्र में कहा है, सेबी ने हमें सूचित किया है कि एक बार फिर कुछ एएमसी प्रमोशन आदि गतिविधियों का संचालन कर रही हैं, जहां म्युचुअल फंड वितरकों को कुछ निश्चित कारोबारी वॉल्यूम हासिल करने पर कमीशन के अलावा प्रोत्साहन या प्रायोजित यात्रा की पेशकश की जा रही है।
नियम के तहत म्युचुअल फंडों को कमीशन के अलावा किसी अन्य तरह से वितरकों को प्रोत्साहन की इजाजत नहीं है। हालांकि कुछ फंड हाउस अपने वितरकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत यात्रा पर ले जाते रहे हैं।
एम्फी ने लिखा है, म्युचुअल फंड वितरकों को विशिष्ट बिक्री लक्ष्य हासिल करने के आधार पर यात्रा के जरिये इनाम देना सही नहीं है और यह नियामकीय दिशानिर्देश की भावना के विपरीत है और इसे पूरी तरह से टाला जाना चाहिए। साथ ही उद्योग की कंपनियों से ऐसे प्रोत्साहन कार्यक्रम को वापस लेने को कहा गया है। एसोसिएशन ने फंड हाउसों को अपने-अपने निदेशक मंडलों और ट्रस्टियों को ऐसी सलाह की जानकारी देने को भी कहा गया है।
सेबी ने ऐसे बिक्री लक्ष्य आधारित प्रोत्साहन वितरकों को देने पर नाराजगी जताई है क्योंकि इससे संभावित तौर पर गलत जानकारी देकर बिक्री हो सकती है। साल 2018 में उसने परिपत्र जारी कर कहा था कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का इस्तेमाल वितरकों को किसी तरह का ईनाम देने या गैर-नकदी प्रोत्साहन देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
अप्रैल 2018 में एम्फी ने ऐसा ही पत्र फंड हाउसों को लिखा था जब ऐसे प्रोत्साहन कार्यक्रम सामने आए थे। उस समय एसोसिएशन ने म्युचुअल फंडों को किसी प्रशिक्षण कार्यक्रम से वितरकों को नहीं जोड़ने की सलाह दी थी, जिसकी पेशकश एसआईपी बिक्री लक्ष्य पूरा होने पर दी जाती हो।