एक सलाहकार फर्म ने प्रख्यात टेक्सटाइल एवं फैब्रिक निर्माता रेमंड (Raymond) के शेयरधारकों को चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) को कंपनी बोर्ड में पुन: शामिल करने के खिलाफ वोट करने का सुझाव दिया है।
फर्म ने उनकी अलग रह रही पत्नी नवाज मोदी द्वारा जुटाई गई धनराशि के दुरुपयोग और घरेलू हिंसा के आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग की है। इसके अलावा, यह भी मांग की गई है कि गौतम सिंघानिया और नवाज मोदी तलाक से संबंधित मुद्दे निपटने और स्वतंत्र जांच का परिणाम सामने आने तक रेमंड के बोर्ड में शामिल न रहें।
साथ ही सलाहकार फर्म आईआईएएस ने रेमंड के शेयरधारकों को सिंघानिया के लिए प्रस्तावित पारिश्रमिक ढांचे के खिलाफ वोट करने का भी सुझाव दिया है। फर्म ने दावा किया है कि इससे उन्हें नियामक सीमा से अधिक भुगतान करने की अनुमति मिलेगी। रेमंड को इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिए भेजे गए ईमेल संदेश का जवाब नहीं मिला है।
रेमंड 27 जून को अपनी सालाना आम बैठक (एजीएम) आयोजित कर रही है, जिसमें उसने कंपनी के बोर्ड में गौतम सिंघानिया को पांच साल की अवधि (1 जुलाई, 2024 से 20 जून 2029 तक) के लिए पुन: नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा है।
बोर्ड में सिंघनिया की नियुक्ति के प्रस्ताव पर आईआईएएस ने बताया कि सिंघनिया वर्तमान में तलाक की कार्यवाही से गुजर रहे हैं और उनकी पत्नी नवाज मोदी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘नवाज मोदी ने सार्वजनिक रूप से यह भी आरोप लगाया है कि गौतम सिंघानिया ने कंपनी के पैसे का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया है। बोर्ड ने दिसंबर 2023 में अपने आखिरी बयान के बाद से कोई अपडेट जारी नहीं किया है और यह स्पष्ट नहीं है कि उसने इन आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग की है या नहीं।’
माना जा रहा है कि अब शेयरधारक ही कंपनी को इस विवाद से बचा पाएंगे।