Realty Stocks: मुंबई की रियल्टी कंपनियों के शेयरों ने इन उम्मीदों से नई ऊंचाइयों को छुआ है कि नई पेशकशों, मजबूत मांग और देश में सबसे बड़े रियल एस्टेट बाजार में कीमत वृद्धि से उनकी वित्तीय हालत मजबूत होगी।
मैक्रोडेक डेवलपर्स (लोढा) और ओबेरॉय रियल्टी ने पिछले सप्ताह अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तरों को छुआ, जबकि गोदरेज प्रॉपर्टीज ने बड़ी गिरावट दर्ज करने से पहले पिछले महीने अपना 52 सप्ताह का ऊंचा स्तर छूने में सफलता हासिल की।
जहां जुलाई और जून तिमाही की बुकिंग के आंकड़े देश के सबसे बड़े बाजार के लिए हाल के समय में दर्ज किए गए वृद्धि के रुझानों की तुलना में कमजोर रहे हैं, वहीं कंपनियां पूरे वित्त वर्ष 2024 में नए ऑर्डरों को लेकर उत्साहित बनी हुई हैं।
मुंबई के बाजार के लिए पंजीकरण एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले घटा है और साथ ही इसमें तिमाही आधार पर भी कमजोरी आई है। ऊंचे आधार पर, संपत्ति पंजीकरण सालाना आधार पर 10 प्रतिशत और जून के मुकाबले 1 प्रतिशत घटा है। जहां ये आंकड़े नीचे आए, वहीं ब्रोकरों का मानना है कि जुलाई में पंजीकरण 10,000 से ऊपर रहा और यह 9,814 संपत्तियों के 12 महीने के औसत से ज्यादा है।
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक का कहना है कि यह मुंबई के आवासीय बाजार में मौजूदा सुधार और घर खरीदारों के बढ़ते भरोसे का संकेत है, भले ही हाल में ब्याज दरों में वृद्धि से समस्या बढ़ी है। नाइट फ्रैंक का कहना है कि इस सुधार को बढ़ते आय स्तर और घर स्वामित्व के लिए सकारात्मक रुझानों जैसे कारकों को जिम्मेदार माना जा सकता है।
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भले ही जुलाई के लिए बिक्री घटी है, लेकिन 1 करोड़ रुपये तक के मकानों की बिक्री का अनुपात बढ़ा है, जो इस साल जनवरी से जुलाई की अवधि में 57.5 प्रतिशत रहा। यह तीन साल पहले महज 48 प्रतिशत था।
ऊंची कीमत वाले अपार्टमेंटों के प्रति बढ़ते रुझान से ओबेरॉय रियल्टी को ज्यादा लाभ मिल सकता है, जबकि माइक्रोमार्केट को कुल लाभ से गोदरेज प्रॉपर्टीज, मैक्रोटेक डेवलपर्स और सनटेक रियल्टी जैसी अन्य कंपनियों को मदद मिल सकती है।
ओबेरॉय रियल्टी, सनटेक रियल्टी और मैक्रोटेक डेवलपर्स के लिए 90 से 100 प्रतिशत बिक्री और परिचालन मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) से संबंधित है, जबकि गोदरेज प्रॉपर्टीज का कारोबार ज्यादा विविधीकृत है और उसके राजस्व में एमएमआर का योगदान 40 प्रतिशत है।
जहां जून तिमाही के नतीजों के बाद प्रबंधन की प्रतिक्रिया सकारात्मक थी, वहीं तिमाही में बुकिंग के आंकड़े भी दमदार रहे।
उदाहरण के लिए, ओबेरॉय रियल्टी के लिए वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही सुस्त रही, क्योंकि अल्पावधि में नई पेशकशों के अभाव की वजह से उसे बिक्री पूर्व आंकड़ों में कमजोरी का सामना करना पड़ा। पहली तिमाही में कंपनी की बिक्री 46 प्रतिशत तक घटकर 1.5 लाख वर्ग फुट और मूल्य 37 प्रतिशत तक घटकर 476 करोड़ रुपये रह गया।
हालांकि कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कई नई पेशकशों की योजना बनाई है। कंपनी वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में 12,000 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाएं शुरू करेगी जिससे उसे वृद्धि दर बढ़ाकर 74 प्रतिशत पर पहुंचाने में मदद मिलेगी।
हालांकि यह सकारात्मक है, लेकिन मई में उसके निचले स्तरों से 24 प्रतिशत की वृद्धि अल्पावधि बढ़त को सीमित कर सकती है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का कहना हैकि यह शेयर अपनी कुल नेट ऐसेट वैल्यू (एनएवी) के मुकाबले 30 प्रतिशत ऊपर और अपनी रेसिडेंशियल एनएवी की तुलना में 60 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा है, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कंपनी की संभावित वृद्धि का काफी हद तक असर दिख चुका है। ब्रोकरेज ने इस शेयर की रेटिंग घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दी है।
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गोदरेज प्रॉपर्टीज ने भी 2,250 करोड़ रुपये का सुस्त बिक्री-पूर्व आंकड़ा दर्ज किया है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 44 प्रतिशत कम है।
बिक्री का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा मौजूदा परियोजनाओं से जुड़ा हुआ है और नई पेशकशें 19 लाख वर्ग फुट के बिक्री योग्य क्षेत्र के साथ तीन परियोजनाओं तक सीमित हैं। वहीं 23 लाख का बुकिंग एरिया सालाना आधार पर 21 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 57 प्रतिशत घटा है।
भले ही जून तिमाही में बिक्री सुस्त रही, लेकिन कंपनी ने नई पेशकशों की मदद से वित्त वर्ष 2024 में पूर्व-बिक्री 14,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान जताया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि कंपनी के लिए ऋण स्तर पर नजर रखे जाने की जरूरत है। जहां कंपनी सकल बिक्री बुकिंग पर दबदबा बनाए रख सकती है, वहीं उसे मौजूदा और नई परियोजनाओं के लिए भूमि लागत का वहन लगातार करना होगा।
ब्रोकरेज ने पिछले तीन महीनों में शेयर कीमत में बड़ी तेजी के बाद इसकी रेटिंग ‘होल्ड’ से घटाकर ‘बेचें’ कर दी है। अपने प्रतिस्पर्धियों के विपरीत, मैक्रोटेक डेवलपर्स ने जून तिमाही में बुकिंग मे 17 प्रतिशत तेजी दर्ज की, भले ही नई पेशकशों की रफ्तार धीमी बनी रही। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बुकिंग में सालाना 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है।
जहां कंपनी के लिए वित्त वर्ष 2023 में बुकिंग का आंकड़ा 12,060 करोड़ रुपये का रहा, वहीं उसने वित्त वर्ष 2024 में 14,500 करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा है। नई परियोजनाएं जुड़ने से बुकिंग 17,500 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।