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आरबीआई के हस्तक्षेप से रुपये का नुकसान घटा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:00 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को मुद्रा बाजार में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के जरिये डॉलर में भारी बिकवाली की जिससे रुपये में शुरुआती कारोबार में हुए नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।
रुपया पिछले बंद भाव 75.29 के मुकाबले कमजोरी के साथ 75.72 प्रति डॉलर पर खुला था जिससे केंद्रीय बैंक को शुरुआती कारोबारी घंटों के दौरान हस्तक्षेप करना पड़ा। रुपया आखिर में 75.34 प्रति डॉलर बंद हुआ, जो उसके पूर्ववर्ती बंद भाव से 0.06 प्रतिशत नीचे है। कमजोर शुरुआत के बाद इक्विटी बाजार में धारणा सुधरने से भी रुपये को ताकत मिली।
सीआर फॉरेक्स के प्रबंध निदेशक अमित पाबरी ने कहा, ‘कुछ खास सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने हाजिर और वायदा बाजार, दोनों में आरबीआई की ओर से डॉलर बिकवाली पर जोर दिया। 75.60-65 प्रति डॉलर स्तरों पर ज्यादा बिकवाली हुई। इससे रुपये को नुकसान घटाने में मदद मिली।’
फरवरी में डॉलर के मुकाबले रुपया 0.95 प्रतिशत कमजोर हुआ। रुपया 2020 में सबसे खराब प्रदर्शन वाली एशियाई मुद्राओं में से एक है और इस अवधि के दौरान इसमें 1.33 प्रतिशत की गिरावट आई है।
डीलरों का कहना है कि केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप की अन्य वजह यह सुनिश्चित करना भी थी कि चीनी मुद्रा के खिलाफ रुपये में ज्यादा कमजोरी न आए।
इंडिया फॉरेक्स एडवायजर के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी अभिषेक गोयनका ने कहा, ‘राष्ट्रीयकृत बैंकों को डॉलर/रुपया में अस्थिरता घटाने के लिए स्वयं खुले तौर पर पेशकश करते देख गया था। 12 के आंकड़े पर सीएनएच/आईएनआर अभी अनिश्चित दिख रहा है।’
मुद्रास्फीति भी केंद्रीय बैंक के लिए चिंता है, क्योंकि सीपीआई मुद्रास्फीति जनवरी में 6 प्रतिशत के अपने ‘अपर टॉलरेंस’ दायरे को पार कर गई।
गोयनका ने कहा, ‘यूआन में मजबूती से मुख्य मुद्रास्फीति को ताकत मिली है। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और मजबूत यूआन, दोनों एक साथ होना बेहद मुद्रास्फीतिकारी हो सकता है। रुपये में पूरे सीजन मजबूती बनी रहेगी, क्योंकि घरेलू इक्विटी में सुधार आया है।’

First Published : March 1, 2022 | 12:02 AM IST