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PSU का प्रदर्शन रह सकता है उम्दा: MK इन्वेस्टमेंट के मनीष संथालिया

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) जनवरी व फरवरी में 22,000 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे हैं।

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- March 07, 2024 | 9:50 PM IST

पिछले कुछ सत्रों से स्मॉलकैप शेयरों में मुनाफावसूली हो रही है और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स एक हफ्ते में करीब 3 फीसदी टूट गया। एमके इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के मुख्य निवेश अधिकारी मनीष संथालिया ने निकिता वशिष्ठ को ईमेल के जरिये दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत को ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट व भारत समर्पित निवेश मिल सकता है क्योंकि वैश्विक स्तर पर यह पसंदीदा निवेश गंतव्य है। मुख्य अंश…

क्या जापान के बाजारों में रिकॉर्ड तेजी विदेशी निवेश के लिहाज से भारत के लिए अहम खतरा साबित हो सकती है? चीन के बारे में क्या कहेंगे?

जापान के बाजारों ने अब तक के सर्वोच्च स्तर को छूकर भले ही वापसी की है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे भारत में निवेश को प्रभावित होगा। भारत को ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट और भारत समर्पित निवेश मिलने की उम्मीद है क्योंकि यह वैश्विक स्तर पर निवेश का पसंदीदा ठिकाना है। ज्यादातर निवेश चुनाव के बाद आने की संभावना है। मुझे लगता है कि वैश्विक आवंटन चीन से निकलकर भारत आएगा क्योंकि भारत की वृद्धि दर बेहतर रहने की उम्मीद है।

देसी संस्थागत निवेशकों के निवेश पर क्या कहेंगे?

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) जनवरी व फरवरी में 22,000 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे हैं। दूसरी ओर देसी संस्थागत निवेशक पूरे समय खरीदार रहे हैं। यह रुझान कम से कम चुनाव खत्म होने तक जारी रहने की संभावना है। जहां तक लार्जकैप की बात है, उनका मूल्यांकन काफी हद तक सहज हैं। एकमात्र मुश्किल यह है कि बीएफएसआई क्षेत्र पिछड़ रहा है जहां वित्त वर्ष 25 में निफ्टी ईपीएस की कुल वृद्धि का मोटे तौर पर 30 फीसदी इस सेगमेंट से आ सकता है। वित्त वर्ष 25 में निफ्टी ईपीएस की वृद्धि 16 से 18 फीसदी रहने पर आमराय है।

क्या मिड, स्मॉलकैप में बिकवाली पूरी हो चुकी है? बाजार में क्या कोई ऐसा क्षेत्र है जहां आपको मूल्यांकन सहज नजर आ रहा हो?

मिडकैप व स्मॉलकैप बड़ा क्षेत्र है और उनके प्रदर्शन को सामान्यीकृत नहीं किया जा सकता। न तो सभी स्मॉलकैप या मिडकैप महंगे हैं और न ही सभी काफी सस्ते। दोनों ही क्षेत्रों में महंगे और उचित मूल्यांकन वाले शेयर हैं। इंडेक्स के स्तर पर मिड व स्मॉलकैप सूचकांक लार्जकैप के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं और यह प्रीमियम मूल्यांकन तब तक बना रहेगा जब तक कि खुदरा निवेश में मजबूती रहेगी। मुझे नहीं लगता कि अचानक इसमें गिरावट आने वाली है।

वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही भारतीय कंपनी जगत के लिए कैसी रहेगी?

दिसंबर 2023 की तिमाही में भारतीय कंपनी जगत के राजस्व की रफ्तार सुस्त रही जबकि मार्जिन में विस्तार हुआ। यह रुख चौथी तिमाही में जारी रहने की संभावना है। जो क्षेत्र वृद्धि दिखा रहे हैं उनमें बीएफएसआई, वाहन, पूंजीगत सामान, दवा, तेल व गैस, धातु और सीमेंट शामिल हैं। उपभोक्ता क्षेत्र हालांकि अवरोध का सामना कर रहा है।

क्या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों समेत पीएसयू शेयरों में जरूरत से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है?

पीएसयू बैंक, रक्षा, तेल विपणन कंपनियों और खनन व खनिज क्षेत्र में एकाधिकार की स्थिति रखने वाले चुनिंदा पीएसयू में अभी भी काफी वैल्यू है। आम तौर पर पीएसयू का प्रदर्शन अगले 12 महीने में उम्दा रहेगा।

First Published : March 7, 2024 | 9:50 PM IST