PSU Stocks: बाजार में सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) के शेयरों ने खासी बढ़ोतरी के कारण हाल में बाजार की तेजी की बराबरी कर ली है। पिछले दशक के मुकाबले बेंचमार्क एनएसई निफ्टी-50 और एसऐंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स का रिटर्न करीब-करीब एक जैसा हो गया है।
2013-14 और 2019-20 के बीच निफ्टी-50 में 28 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि बीएसई पीएसयू इंडेक्स में 30 फीसदी की गिरावट आई। यह अंतर अब दूर हो गया है, जिसकी वजह बीएसई पीएसयू इंडेक्स में मार्च 2020 के बाद हुई पांच गुनी बढ़ोतरी है। इस अवधि में निफ्टी-50 में 2.75 गुने का इजाफा हुआ है।
ऐसे उम्दा प्रदर्शन के कारण सरकारी स्वामित्व वाले उपक्रमों की हिस्सेदारी कुल बाजार पूंजीकरण में सुधरी है। मार्च 2014 में यह 20.8 फीसदी था जो मार्च 2020 में गिरकर एक अंक में रह गया था और अभी करीब 18 फीसदी है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत का बाजार पूंजीकण 2023-24 में काफी तेजी से बढ़कर 389 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 14 में 69 लाख करोड़ रुपये था और अभी करीब 440 लाख करोड़ रुपये है।
वित्त वर्ष 14 और वित्त वर्ष 24 के दौरान पीएसयू का मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 66 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। प्राइवेट सेक्टर का मार्केट कैप 55 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 323 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
हालिया उम्दा प्रदर्शन पीएसयू कंपनियों की आय में मजबूत वृद्धि के अनुरूप आया है।
भारतीय पीएसयू पर अपनी रिपोर्ट में ब्रोकरेज ने कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 24 तक पीएसयू की आय में सालाना आय में 33.8 फीसदी चक्रवृद्धि के हिसाब से इजाफा हुआ और उसने निजी क्षेत्र को पीछे छोड़ दिया, जहां इस दौरान सालाना 18.6 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई थी।
लाभ में भी पीएसयू की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में 36 फीसदी पर पहुंच गई जो हाल के वर्षों में 17 से 39 फीसदी के बीच झूल रही थी। इसके अतिरिक्त पीएसयू की वित्त वर्ष 24 में आय में सालाना आधार पर 45 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी दर्ज हुई।
बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि ज्यादातर पीएसयू देसी साइक्लिकल के क्षेत्र मे हैं। यह ऐसा क्षेत्र है जो भारत की आर्थिक वृद्धि और कई सरकारी पहल की उम्मीदों के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि बुनियादी ढांचे और पूंजीगत खर्च पर सरकार के जोर (जिसमें महामारी के बाद तेजी आई है) के साथ-साथ अच्छी बैलेंस शीट, गवर्नेंस में सुधार, कमोडिटी में मार्जिन की गुंजाइश और ऑर्डर बुक में इजाफा ऐसी बातें हैं जिन्होंने पीएसयू के उम्दा प्रदर्शन और दोबारा रेटिंग को सहारा दिया है।
ब्रोकरेज का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में पीएसयू के लाभ में इजाफे की संभावना है, खास तौर से देसी व वैश्विक साइक्लिकल क्षेत्र में, जिससे आय और एमकैप में उनके योगदान में और भी मजबूती आएगी।