शेयर बाजार खुलने से पहले अगर आधे घंटे का प्री मार्केट सेशन यानी बाजार पूर्व का सत्र रखा जाए तो बाजार खुलने के तुरंत बाद शेयरो में होने वाले भारी उतार चढ़ाव को खत्म किया जा सकता है।
यह कहना है असित सी मेहता की एमडी दीना ए मेहता का।उनका कहना है कि इस प्री मार्केट सेशन से निवेशक बाजार खुलने से पहले ही स्टॉक्स के खरीद और बिक्री भावों पर नजर रख सकेंगे और इससे बाजार खुलते ही लोअर सर्किट लगने का खतरा नहीं रहेगा। दीना मेहता सेबी के कोड ऑफ एथिक्स कमेटी में भी रह चुकी हैं। अक्टूबर में जब सेबी ने विदेशी संस्थागत निवेशकों की पी नोट के जरिए निवेश पर रोक लगाई थी तो बाजार में बहुत कम टर्नओवर पर नीचे का सर्किट लग गया था।
जनवरी के आखिरी हफ्ते में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। लिहाजा अगर प्री मार्केट सेशन रहेगा तो निवेशकों को जानने में मदद मिलेगी कि बाजार में क्या हो रहा है। स्क्रीन पर शेयरों के भाव आते रहेंगे जिससे निवेशक यह तय कर सकेगा कि बाजार जब आधिकारिक तौर पर खुलेगा तो उसे खरीद करनी है या फिर बिक्री करनी है। इससे निवेशक सही मायने में बाजार का मूड भांप सकेंगे।
पिछली 22 जनवरी को निचला सर्किट लगने के बाद बाजार में कारोबार एक घंटे के लिए रोक दिया गया था। इसी के बाद से बाजार में प्री मार्केट सेशन रखने की जरूरत महसूस की जाने लगी है। हांग कांग और टोरंटो एक्सचेंज जैसे विकसित बाजारों में प्री मार्केट सेशन होता है।
इस सेशन से बाजार खुलने के साथ स्टॉक का उचित भाव तय करने में आसानी होती है, साथ ही सुबह के सत्र में कारोबार का दबाव भी कम रहता है। दीना मेहता 1999-2000 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के बोर्ड में नियुक्त होने वाली पहली महिला रही हैं। फ्यूचर और ऑप्शन में डिलिवरी आधारित सेटलमेंट जैसे रिफार्म्स लागू कराने में उनका योगदान रहा है। उनका मानना है कि इसके अलावा शेयर बाजार के सौदों के लिए एक क्लियरिंग बैंक के कन्सेप्ट में भी बदलाव की जरूरत है।