Pharma Stocks: मूल्यांकन चिंताओं के बीच निवेशक सुरक्षित दांव लगा रहे हैं और सुरक्षित क्षेत्रों को पसंद कर रहे हैं। फार्मास्युटिकल क्षेत्र को इस बदलाव का फायदा हुआ है और यह क्षेत्र निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। शुक्रवार को जहां कई सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए वहीं फार्मा अकेला ऐसा सूचकांक था जो बढ़त के साथ बंद हुआ।
पिछले एक महीने में एनएसई निफ्टी फार्मा में 7 प्रतिशत की तेजी आई और उसने कई अन्य सूचकांकों को मात दी। निफ्टी-50 का रिटर्न 1.6 प्रतिशत पर सीमित रहा। पिछले तीन महीनों के दौरान फार्मा सूचकांक 14 प्रतिशत रिटर्न के साथ दूसरा सर्वाधिक बढ़त वाला सूचकांक रहा जबकि निफ्टी-50 में यह तेजी 10 प्रतिशत रही।
सूचीबद्ध शीर्ष दवा कंपनियों में पिछले कुछ महीनों के दौरान औसत रिटर्न 20 प्रतिशत (सिप्ला को छोड़कर) के पार पहुंच गया। सूचीबद्ध फार्मा कंपनियों को ताजा मदद अप्रैल-जून तिमाही में उनके दमदार प्रदर्शन से मिली। कई प्रमुख कंपनियां या तो बिक्री के लिहाज से बाजार अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करने या उस पर खरी उतरने में सफल रहीं। कई मामलों में उनके परिचालन मार्जिन और शुद्ध लाभ अनुमान से ज्यादा रहे।
राजस्व वृद्धि को भारतीय फार्मा बाजार और अमेरिकी जेनेरिक सेगमेंट दोनों में दमदार प्रदर्शन से मदद मिली। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के अनुसार घरेलू फॉर्मूलेशन की बिक्री एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 11.5 प्रतिशत बढ़ी। इसे क्रोनिक थेरेपी सेगमेंट में निरंतर वृद्धि और अनुकूल सीजनल हालात से मदद मिली। सकल स्तर पर मार्जिन को कच्चे माल की कम लागत से मदद मिली।
अमेरिकी व्यवसाय 8 प्रतिशत तक बढ़ा और इसे स्पेशियल्टी उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ने तथा एक अंक की कीमत काटौती से राहत मिली। ब्रोकरेज का मानना है कि आय वृद्धि आगामी तिमाहियों में बनी रहेगी और इसे मौजूदा नई पेशकशों और परिचालन दक्षता में सुधार से मदद मिलेगी।
जेनेरिक क्षेत्र में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने 14 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के साथ राजस्व वृद्धि में दबदबा रखा। उसे खासकर अमेरिकी बाजार में कैंसर उपचार की दवा रेवलिमिड के जेनेरिक वर्सन से मदद मिली। अमेरिकी सेगमेंट ने एक साल पहले की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इसमें ज्यादा बिक्री तथा नई पेशकशों का खास योगदान रहा। जेएम फाइनैंशियल रिसर्च ने इस शेयर पर खरीदें रेटिंग दी है।
ब्रोकरेज ने ब्रिटिश उपभोक्ता स्वास्थ्य देखभाल फर्म हैलियन के निकोटीन रीप्लेसमेंट थेरेपी व्यवसाय के हालिया अधिग्रहण की सकारात्मक संभावना को ध्यान में रखा है। यह शेयर 2026-27 की ईपीएस के 21-22 गुना पर कारोबार कर रहा है और लार्जकैप प्रतिस्पर्धियों की तुलना में आकर्षक बना हुआ है।
सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के वित्तीय नतीजे मिश्रित रहे और उसका परिचालन प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहा। लेकिन राजस्व वृद्धि की रफ्तार धीमी रही। हालांकि भारतीय व्यवसाय मजबूत रहा लेकिन अमेरिकी में सपाट बिक्री की वजह से 6 प्रतिशत की कुल बिक्री वृद्धि पर असर दिखा।
भारतीय फॉर्मूलेशन ने 16 प्रतिशत वृद्धि के साथ उद्योग के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। उसे श्रम बल की बेहतर पहुंच और नई पेशकशों का लाभ मिला। हालांकि अमेरिकी व्यवसाय को रेवलिमिड से कम योगदान और लेवुलैन (त्वचा संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए) में सीजनल कमजोरी की वजह से दबाव का सामना करना पड़ा।
फिलिपकैपिटल रिसर्च का मानना है कि पोर्टफोलियो विस्तार और गैर-अमेरिकी बाजारों के लिए दवाओं के विस्तार से स्पेशियल्टी व्यवसाय में तेजी बनी रहेगी। मजबूत घरेलू फॉर्मूलेशन और रेवलिमिड में तेजी से वृद्धि में सुधार देखा जा सकता है। चीन में इलुम्या (सोरायसिस के इलाज की दवा) का भी निकट भविष्य में सकारात्मक असर दिख सकता है। ब्रोकरेज के विश्लेषकों सूर्या पात्र और भव्य सांघवी ने उम्मीद से बेहतर घरेलू प्रदर्शन और मजबूत मार्जिन को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने आय अनुमान 8-9 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं।
सिप्ला की कुल आय काफी हद तक बाजार अनुमान के अनुरूप रही। कंपनी की राजस्व वृद्धि को अमेरिकी बाजार से मदद मिली। कंपनी ने अपने अलग तरह के पोर्टफोलियो में तेजी की वजह से अमेरिका में 25 करोड़ डॉलर के साथ अपनी सर्वाधिक त्रैमासिक वृद्धि दर्ज की। हालांकि भारतीय व्यवसाय की वृद्धि निराशाजनक रही और इस पर ट्रेड जेनेरिक वितरण मॉडल में आए बदलावों का असर पड़ा।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों तुषार मनुधाने और आकाश मनीष दोभाडा को सिप्ला के लिए 2023-24 से वित्त वर्ष 2026 के दौरान 12 प्रतिशत की आय वृद्धि का अनुमान है। उन्होंने इस शेयर पर खरीदें रेटिंग बरकरार रखी है। विश्लेषकों के अनुसार कंज्यूमर हेल्थ सेगमेंट में परिचालन मुनाफा रुझान मजबूत बना हुआ है।
जून तिमाही में टॉरंट फार्मास्युटिकल्स की 10 प्रतिशत राजस्व वृद्धि को उसके भारतीय व्यवसाय से मदद मिली। कंपनी के भारतीय व्यवसाय में 14 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया। भारतीय बाजार में बढ़त का कारण हृदय और मधुमेह क्षेत्रों में नई पेशकशे हैं, जिसका मार्जिन पर सकारात्मक असर पड़ा है। हालांकि ब्रोकरेज ने ऊंचे मार्जिन की वजह से टॉरंट फार्मास्युटिकल्स के लिए अपना परिचालन मुनाफा अनुमान बढ़ा दिया है लेकिन उन्होंने शेयर भाव में आई बड़ी तेजी को ध्यान में रखते हुए हुए इसकी रेटिंग घटा दी है।