प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल (पीई/वीसी) फंडों ने इस साल सूचीबद्ध और आईपीओ लाने वाली कंपनियों में 1.13 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की। यह 2023 की कुल बिक्री 97,500 करोड़ रुपये से अधिक है। सेकंडरी बाजार के भीतर गतिविधियों के कारण, खासतौर पर छोटे और मझोले शेयरों में, यह निकासी बढ़ी।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटेटिव रिसर्च के विश्लेषण से पता चलता है कि पीई फर्में 103 कंपनियों से पूरी तरह या आंशिक रूप से बाहर निकलीं। वर्ष 2023 में यह संख्या 78 थी। इस निकासी का 82 प्रतिशत हिस्सा स्मॉल और मिडकैप में रहा जिसमें वित्तीय, उपभोक्ता विवेकाधीन और स्वास्थ्य देखभाल ने अग्रणी भूमिका निभाई। विदेशी पीई/वीसी फंडों का इस बिक्री में लगभग दो तिहाई हिस्सा रहा।
नुवामा का मानना है, ‘बाजार की जोरदार तेजी और मजबूत घरेलू भागीदारी की वजह से पीई/वीसी फर्मों और प्रमोटरों के लिए निकासी आसान हुई। भारी घरेलू निवेश आगे भी बरकरार रहने की उम्मीद है जिससे तरलता उपलब्ध होगी और प्राइवेट तथा सेकंडरी बाजारों में इसका असर नजर आएगा।’
इस साल की उल्लेखनीय निकासियों में जोमैटो में अलीबाबा की शेयर बिक्री, एमफैसिस से ब्लैकस्टोन का निकलना और कल्याण ज्वैलर्स से वारबर्ग पिनकस की निकासी शामिल है।