एक घरेलू प्राइवेट इक्विटी फंड को अपने ग्रोथ कैपिटल फंड के लिए पैसा जुटाने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
इस फंड को अपनी इस प्राइवेट इक्विटी की नई योजना के लिए 40 करोड़ डॉलर की रकम जुटानी है जिसे वह मिडकैप और लार्ज कैप के शेयरों में निवेश करना चाहता है लेकिन रकम नहीं जुट पाने से उसे वह अपनी स्कीम बंद नहीं कर पा रहा है। मुंबई की ये फर्म अपनी इस स्कीम के लिए अब तक केवल 15 करोड़ डॉलर ही जुटा पाई है और बाजार की हालत को देखते हुए बाकी की रकम जुटा पाना उसे काफी मुश्किल लग रहा है।
निवेशकों का बाजार पर भरोसा वापस नहीं बनने से पीई (प्राइवेट इक्विटी)के फंडों को अपनी योजनाएं खटाई में पड़ती दिख रही हैं। बाजार से रकम जुटाने में हो रही मुश्किल से कंपनियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।फंड के सूत्रों के मुताबिक जून के आखिरी हफ्ते तक फंड को बंद कर दिया जाएगा और उन्हे उम्मीद है कि वे 85 फीसदी रकम जुटा लेंगे।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की हालत को देखते हुए कई पीई फंडों ने फिलहाल अपनी योजनाएं कुछ समय के लिए मुल्तवी कर रहे हैं जबकि कई फंड अपने टारगेट को रिवाइस कर रहे हैं या फिर अपनी स्कीम की बंदी की तारीख बढ़ा रहे हैं। बैंकिंग के सूत्रों के मुताबिक आईसी-आईसीआई समूह के जो अपनी पीई गतिविधियों के लिए 7 अरब डॉलर जुटाना चाहती है लेकिन बाजार की मौजूदा हालत के मद्देनजर फिलहाल बैंक इस योजना को थोड़ा रुककर लाना चाहती है।
उद्योग के जानकारों के एस्टिमेट के मुताबिक इस साल पीई फंडों ने करीब 12 अरब डॉलर की रकम जुटाई है जिसमें रियल एस्टेट फंड के जरिए जुटाई रकम शामिल नहीं है। एक अंतरराष्ट्रीय फंड के कंट्री हेड के मुताबिक अगर आप एशिया आधारित फंड के लिए पैसा जुटाना चाहते हैं तो गनीमत है क्यों कि एशिया के बाजारों का प्रदर्शन बेहतर रहा है और उन्होने रिटर्न भी ज्यादा दिया है।