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को-लोकेशन मामले में ओपीजी सिक्योरिटीज पर जुर्माना

सेबी ने कहा कि ओपीजी ने अपने कारोबार के संचालन में ‘ईमानदारी, उचित कौशल,सतर्कता से संबंधित मानकों का पालन नहीं किया।’

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- April 02, 2025 | 10:55 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एनएसई को-लोकेशन मामले में ओपीजी सिक्योरिटीज और उसके तीन निदेशकों पर 5.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बुधवार को जारी निर्णायक आदेश में सेबी ने कहा कि ओपीजी ने अपने कारोबार के संचालन में ‘ईमानदारी, उचित कौशल,सतर्कता से संबंधित मानकों का पालन नहीं किया।’ सेबी ने यह भी आरोप लगाया कि एक निदेशक ने सेबी के साथ सहयोग नहीं किया और जांच में बाधा डाली।

प्रतिभूति अपीली पंचाट (सैट) ने पहले पुष्टि की थी कि शेयर ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के सेकेंडरी सर्वर तक अनुचित पहुंच बनाकर अवैध लाभ कमाया था। पंचाट ने सेबी को जुर्माने और वसूली की राशि पर फिर से र्विचार करने का निर्देश दिया था और सेबी के पूर्णकालिक सदस्य द्वारा ओपीजी पर 15.57 करोड़ रुपये की अवैध कमाई के पिछले आदेश को खारिज कर दिया था।

सितंबर 2024 में, बाजार नियामक ने आरोपों के समर्थन में सबूतों की कमी का हवाला देते हुए एनएसई और उसके पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोप हटा दिए थे। हालांकि, उसने ओपीजी की अवैध कमाई की राशि को संशोधित कर 85 करोड़ रुपये कर दिया था। हालांकि यह राशि बढ़ाई गई है लेकिन नया जुर्माना सेबी के 2021 के आदेश के समान ही है।

नए आदेश से पहले ओपीजी ने सेबी से आग्रह किया कि उच्चतम न्यायालय में अपील पूरी होने तक कार्यवाही स्थगित रखी जाए। बाजार नियामक ने बताया कि नई कार्यवाही पंचाट के निर्देश के तहत नए सिरे से जुर्माना तय करने तक सीमित थी। ओपीजी ने सेबी के पिछले निष्कर्षों को सैट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

First Published : April 2, 2025 | 10:49 PM IST