दक्षिण अफ्रीकी कंपनी ओल्ड म्युचुअल प्रॉपर्टी इंन्वेस्टमेंट और मुंबई स्थित आईसीएस रियल्टी द्वारा प्रवर्तित ट्राइएंगल इंडिया रियल एस्टेट फंड ने लगभग 450 करोड़ रुपये में मॉल बनाने वाली कंपनी प्रोजोन निबर्टी के स्पेशल परपस व्हिकल (एसपीवी) में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी ले ली है।
प्रोजोन लिबर्टी के औरंगाबाद, जयपुर, नागपुर और इंदौर के आने वाले मॉल एसपीवी के हाथों में है। इन मॉल की कीमत 1,800 करोड़ रुपये आंकी गई है। प्रोजोन लिबर्टी खुदरा वस्त्र विक्रेता प्रोवोग इंडिया और ब्रिटेन के लिबर्टी इंटरनेशनल का संयुक्त उद्यम है।
ओल्ड म्युचुअल के अधिकारियों से इस संदर्भ में और अधिक जानकारी के लिए संपर्क नहीं हो सका। प्रोवोग इंडिया के प्रबंध निदेशक निखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘हमलोग अभी तक अंतिम रूप नहीं दे पाए हैं। एक बार सौदा हो जाने के बाद हम इस बाबत आपको सूचना देंगे।’
सूत्रों ने बताया कि यह संयुक्त उद्यम सिंगापुर सरकार के जीआईसी और कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे प्राइवेट इक्विटी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही थी और कोष के संबंध में विचार-विमर्श के बाद कंपनी ने ऐसा करने का निर्णय लिया। प्रत्येक मॉल 10 लाख वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल का है। औरंगाबाद का मॉल 20 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है और शॉपर्स स्टॉप, वेस्टसाइड और क्रोमा के अतिरिक्त कुछ कंपनियों को पहले ही पट्टे पर दिया जा चुका है।
इंदौर वाले मॉल का क्षेत्रफल 40 लाख वर्ग फीट है।सूत्रों ने बताया कि प्रोजोन की योजना आगामी तीन-चार वर्षों में 12 मॉल बनाने की है और इसके और मॉल मैसूर, सूरत और रायपुर में बनने वाले हैं और इसकी कीमत 4,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।प्रोवोग ने लिबर्टी कैपिटल से 202 करोड़ रुपये और प्राइवेट इक्विटी कंपनियों को प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिये 146 करोड़ रुपये जुटाए हैं। प्राइवेट इक्विटी कंपनियों में न्यू वर्नन, ब्लैकस्टोन, जेनेसिस कैपिटल और फिडेलिटी शामिल हैं।
प्रोजोन में हिस्सेदारी की खरीद ट्राइएंगल फंड का भारतीय प्रॉपर्टी के क्षेत्र में किया जाने वाला पहला निवेश है। ओल्ड म्युचुअल का पहले से ही कोटक महिन्द्रा के साथ जीवन बीमा का और आईसीएस के साथ प्रॉपर्टी सर्विस के क्षेत्र में संयुक्त उद्यम है।4.5 अरब डॉलर की कंपनी ओल्ड म्युचुअल प्रॉपर्टीज विश्व भर में 68 मॉल का प्रबंधन करती है, जिसके किरायेदारों की संख्या 4,500 से अधिक है। इसमें तीन सुपर-रीजनल मॉल और 11 क्षेत्रीय मॉल शामिल हैं।
कंपनी की परियोजनाएं अफ्रीका, केन्द्रीय और पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया में फैली हुई हैं।टेक्नोपैक का आकलन है कि अगले चार वर्षों में मॉल के लिए देश में 7,000 लाख वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होगी जबकि अनुमान था कि इसमें 2,000 वर्ग फीट क्षेत्र जुड़ेगा, इससे 4,000-5,000 वर्ग फीट जगह की कमी होगी।इंडियन वेंचर कैपिटल जनरल के अनुसार आगामी कुछ वर्षों में लगभग 30 प्रतिशत प्राइवेट इक्विटी कोष के रिटेल क्षेत्र में आने की संभावना है।
सिंगापुर की मॉल डेवलपर कैपिटललैंड ने देश में 50 से अधिक मॉल बनाने के लिए 350 करोड़ रुपये की क्षितिज वेंचर कैपिटल फंड और पैंटालून रिटेल के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाया है।