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रिकॉर्ड ऊंचाई पर NSE का निफ्टी, भारत का MCap 400 लाख करोड़ रुपये के करीब

Sensex अभी भी नए रिकॉर्ड से 620 अंक पीछे है, वित्तीय व ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में बढ़त

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- February 19, 2024 | 10:00 PM IST

लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में बढ़ोतरी के बाद बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स सोमवार को नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया। इस तेजी को वित्तीय व ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों ने बढ़त दी। 50 ब्लूचिप कंपनियों के शेयर वाला इंडेक्स 81.6 अंक की बढ़त के साथ 22,122.25 पर बंद हुआ। निफ्टी ने 15 जनवरी के अपने पिछले सर्वोच्च बंद स्तर 22,097.5 अंक को पार कर लिया। यह निफ्टी -50 इंडेक्स के लिए तीसरा व छठा मौका है जब उसने क्रम से बंद स्तर और कारोबारी सत्र के दौरान नया रिकॉर्ड बनाया है।

इस बीच 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 282 अंक की बढ़त के साथ 72,708 पर बंद हुआ। सेंसेक्स अभी भी 15 जनवरी के रिकॉर्ड बंद स्तर 73,328 से 620 अंक पीछे है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 2.16 लाख करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 391.7 लाख करोड़ रुपये (4.72 ट्रिलियन डॉलर) की नई ऊंचाई को छू गया। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि उनकी निगाह अब 400 लाख करोड़ रुपये और 5 लाख करोड़ डॉलर के बाजार पूंजीकरण के स्तर पर है।

पिछले पांच कारोबारी सत्रों में देसी बाजार ने 2.3 फीसदी की बढ़त दर्ज की और इस तरह से उसने एशिया व उभरते बाजारों के अपने समकक्ष के मुकाबले करीब 100 आधार अंक से उम्दा प्रदर्शन किया। वैश्विक बाजार में ताजा बढ़त तब भी आई जब निवेशकों ने अमेरिकी में ब्याज दरों में जल्द कटौती पर अपना दांव कम किया क्योंकि महंगाई के आंकड़े अनुमान से ऊंचे रहे हैं।

एएमपी कैपिटल के निवेश रणनीति प्रमुख और मुख्य अर्थशास्त्री शेन ओलिवर ने कहा कि अमेरिका में महंगाई के आंकड़े अनुमान से ज्यादा रहने की पृष्ठभूमि में थोड़ी हिचक के बावजूद वैश्विक शेयर बाजार मोटे तौर पर ऊपर रहे, जिनको अमेरिकी नतीजों और इस उम्मीद से सहारा मिला कि विभिन्न केंद्रीय बैंक इस साल ब्याज दरें घटाएंगे।

निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में हरेक में 0.4 फीसदी का इजाफा हुआ। पिछले हफ्ते व्यापक बाजारों ने महंगे मूल्यांकन के बीच भारी बिकवाली देखी ती। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि महंगे मूल्यांकन की चिंताओं के बीच निजी क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में सुधार और राजनीतिक स्थायित्व की उम्मीद बढ़त को सहारा दे रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि इनपुट लागत में स्थिरता और ग्रामीण मांग में तेजी की उम्मीद कंपनियों की आय वृद्धि में मदद करेगी। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस हफ्ते अपने ताजा मिनट्स जारी करेगा जिनसे दरों के बारे में संकेत मिल सकता है। हालांकि 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का ऊंचा यील्ड और विदेशी फंडों की तरफ से देसी बाजार से निकासी सतर्कता का संकेत दे रहे हैं। इस साल 1 जनवरी से अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 3.6 अरब डॉलर के शुद्ध बिकवाल रहे हैं।

कंपनियों की आय में उत्साहजनक वृद्धि और देसी निवेशकों की तरफ से लगातार निवेश ने विदेशी फंडों की बिकवाली के दबाव की भरपाई कर दी है। विश्लेषकों ने कहा कि लंबी अवधि का परिदृश्य हालांकि सकारात्मक है, लेकिन वे अल्पावधि में कुछ अस्थिरता की आशंका जता रहे हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कुल मिलाकर हम उम्मीद कर रहे हैं कि बाजार ऊपर की ओर बढ़ना जारी रखेगा और वैश्विक संकेतकों से सहारा लेता रहेगा। इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के मिनट्स पर निगाह रहेगी। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात अनुकूल था और 2,362 शेयर चढ़े ज​बकि 1,604 में गिरावट आई।

सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान आईसीआईसीआई बैंक का रहा, जिसमें 2.03 फीसदी का इजाफा हुआ। रिलायंस ​इंडस्ट्रीज (0.8 फीसदी), भारती एयरटेल (2 फीसदी) और आईटीसी (1.1 फीसदी) ने भी सेंसेक्स की बढ़त में योगदान किया। तीन को छोड़कर बीएसई पर बाकी सभी क्षेत्रीय सूचकांकों में इजाफा हुआ। टिकाऊ उपभोक्ता कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई और उसका क्षेत्रीय इंडेक्स 1.76 फीसदी बढ़ा। पिछले चार हफ्ते में करीब 14 फीसदी टूटने वाले आईटीसी में 1.2 फीसदी का इजाफा हुआ, जिसने कंज्यूमर इंडेक्स में बढ़त की अगुआई की।

First Published : February 19, 2024 | 10:00 PM IST