नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने अपने शेयरों के हस्तांतरण की प्रक्रिया आसान बनाई है, जिससे इसमें लगने वाला समय काफी घट जाएगा। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार पहले जिस काम में तीन से चार महीने लगते थे, वह अब एक सप्ताह से भी कम समय में पूरा हो सकता है।
24 मार्च से एनएसई पर आईएसआईएन (प्रतिभूतियों के व्यापार और निपटान के लिए एक विशेष वैश्विक कोड) के सक्रिय होने से यह प्रक्रिया तेज हो जाएगी। इस बदलाव से तरलता बढ़ने, ट्रेडिंग वॉल्यूम में इजाफा होने, लॉट आकार में कमी आने और गैर-सूचीबद्ध बाजार में एनएसई शेयरों में दिलचस्पी बढ़ने की संभावना है। एक्सचेंज के पहले से ही 20,000 से ज्यादा शेयरधारक हैं।
एनएसई ने कहा है, ‘एनएसई का आईएसआईएन सोमवार, 24 मार्च, से ऐक्टीवेट/अनफ्रोजन हो जाएगा। उस तारीख से एनएसई शेयरों को डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप तंत्र के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकता है जिससे मौजूदा चरण 1 और चरण 2 प्रक्रियाएं समाप्त हो जाएंगी।’
इससे पहले, स्थानांतरण प्रक्रिया में दो चरण शामिल थे : चरण 1 में एक लंबी केवाईसी के सत्यापन की आवश्यकता थी, जिसमें ‘फिट ऐंड प्रॉपर’ एसेसमेंट और व्यक्तिगत तथा क्षेत्रीय होल्डिंग सीमाओं का अनुपालन शामिल था और इसमें अक्सर महीनों लग जाते थे।