नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 24 अप्रैल से निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स के लिए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू करेगा। बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिलने के बाद इन अनुबंधों की शुरुआत की जाएगी। एनएसई ने कहा है कि डेरिवेटिव अनुबंधों का निपटान एक्सपायरी वाले महीने के आखिरी शुक्रवार को होगा। निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में शामिल होने वाला पांचवां सूचकांक बन गया है।
बीएसई से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच यह कदम उठाया गया है। सेंसेक्स और बैंकेक्स डेरिवेटिव अनुबंध पुन: पेश किए जाने के बाद एक्सचेंज ने तेजी से अपनी बाजार भागीदारी बढ़ाई है और बाजार कारोबारियों में उसकी लोकप्रियता बढ़ी है।
मौजूदा समय में, एफऐंडओ अनुबंधों का कारोबार निफ्टी 50, निफ्टी बैंक, निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज इंडेक्स और निफ्टी मिडकैप सलेक्ट सूचकांकों पर होता है। हालांकि कुल कारोबार में निफ्टी और निफ्टी बैंक का बड़ा योगदान है।
निफ्टी-100 में निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स करीब 50 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। निफ्टी 50 इंडेक्स की तरह नेक्स्ट 50 सूचकांक का वित्तीय सेवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा भारांक है। वित्तीय सेवा क्षेत्र के लिए सबसे अधिक 23.76 प्रतिशत भारांक है, इसके बाद पूंजीगत वस्तु और उपभोक्ता सेवाओं का 11.91 प्रतिशत और 11.57 प्रतिशत है।
एनएसई ने गुरुवार को कहा, ‘सूचकांक घटकों का बाजार पूंजीकरण 70 लाख करोड़ रुपये पर है जो 29 मार्च 2024 तक एनएसई पर सूचीबद्ध शेयरों की कुल बाजार पूंजी का करीब 18 प्रतिशत है। सूचकांक घटकों का समेकित दैनिक औसत कारोबार 9,560 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 के कुल नकदी बाजार कारोबार का करीब 12 प्रतिशत है।’
हाल में, एनएसई ने अपने इंडेक्स डेरिवेटिव के लिए लॉट आकार में बदलाव किया है। एनएसई पर इंडेक्स डेरिवेटिव के लिए कुल कारोबार अप्रैल में अब तक 3.77 लाख करोड़ रुपये रहा है।