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नए कदम से निफ्टी बैंक इंडेक्स में बड़े बदलाव के आसार, ₹12,900 करोड़ के शेयरों की खरीद-फरोख्त की उम्मीद

नए मसौदे से एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक दोनों का अधिकतम वेटेज 20 प्रतिशत होगा

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समी मोडक   
Last Updated- November 02, 2025 | 9:49 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के गैर-बेंचमार्क सूचकांकों के लिए नए मसौदे से नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी बैंक सूचकांक में लगभग 12,900 करोड़ रुपये (1.5 अरब डॉलर) के शेयरों की खरीद-फरोख्त होने की उम्मीद है।

पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास के अनुसार संशोधित नियमों के तहत यस बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी इस सूचकांक में शामिल होंगे। इंडियन बैंक मामूली अंतर से चूक गया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से थोड़ा ही नीचे रहा। फ्रीटास का मानना है कि शामिल होने वाले नए शेयरों में ट्रेडिंग वॉल्यूम बदलाव की तारीख के आसपास तक 10 गुना तक बढ़ सकता है।

इस समय एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का सूचकांक में संयुक्त हिस्सा लगभग 50 फीसदी है और हरेक का भारांक 23 प्रतिशत से अधिक है। शीर्ष तीन बैंकों का कुल भारांक 60 प्रतिशत से अधिक है।

सेबी की नई सीमाओं के तहत एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक, दोनों की अधिकतम सीमा 20 प्रतिशत होगी जबकि शीर्ष तीन बैंकों का संयुक्त भारांक 45 प्रतिशत तक सीमित रहेगा।

दो नए बैंकों के जुड़ने से इसमें शामिल घटक शेयरों की संख्या 12 से बढ़कर 14 हो जाएगी। वेटेज में यह फेरबदल चार चरण में होगा। एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के भारांक में कटौती से अन्य बैंकों के लिए आवंटन मुक्त हो जाएगा जिसका सबसे अधिक लाभ कोटक महिंद्रा बैंक, ऐ​क्सिस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक को मिलने की उम्मीद है। इन तीनों में से हरेक बैंक में लगभग 1,200 करोड़ रुपये का निष्क्रिय निवेश आ सकता है।

इस फेरबदल से पहले कुछ कारोबारियों ने हेजिंग पोजीशन ली थी। उन्होंने एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को बेचा जबकि ऐक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को खरीदा। फ्रीटास ने कहा कि हाल के हफ्तों में इन सौदों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

सेबी ने नया ढांचा बाजार में हेरफेर और अस्थिरता को सीमित करने के लिए बनाया है। इसका उद्देश्य डेरिवेटिव में कारोबार करने वाले सेक्टोरल और थीमेटिक सूचकांकों में जोखिम कम करना है।

फ्रीटास को उम्मीद है कि एनएसई इंडेक्स दिसंबर के पुनर्संतुलन के साथ इन बदलावों को लागू करना शुरू कर देंगे और मार्च तक प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। हालांकि नवंबर में पहले ही इसे लागू भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इंडेक्स-ट्रैकिंग फंड और संस्थागत निवेशक अब सटीक समय-सीमा और पूंजी प्रवाह से संबं​धित समायोजन पर ​स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।

First Published : November 2, 2025 | 9:49 PM IST