एनएसीएल इंडस्ट्रीज का शेयर सोमवार को बीएसई पर 20 प्रतिशत की तेजी के साथ 110.79 रुपये के दो साल के ऊंचे स्तर को छूने में कामयाब रहा। पिछले चार कारोबारी दिनों में, इस पेस्टीसाइड और एग्रोकेमिकल कंपनी का शेयर करीब 65 फीसदी चढ़ा है। कृषि-समाधान प्रदाता कोरोमंडल इंटरनैशनल ने 12 मार्च को घोषणा की कि उसने एनएसीएल में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस घोषणा के बाद से इसमें तेजी बनी हुई है।
मार्च में अब तक, यह शेयर 28 फरवरी, 2024 के 54 रुपये के स्तर से 105 प्रतिशत तक उछल चुका है। शेयर सोमवार को 2 जनवरी, 2023 के बाद से अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर बंद हुआ। आज एनएसई और बीएसई पर एनएसीएल के कुल 1.79 करोड़ इक्विटी शेयरों का कारोबार हुआ।
मुरुगप्पा समूह की कंपनी कोरोमंडल इंटरनैशनल का शेयर भी आज 5 प्रतिशत बढ़कर 1,889.40 रुपये पर बंद हुआ। पिछले तीन दिन में इस शेयर में 10 प्रतिशत की तेजी आई है। 6 जनवरी 2025 को उसने 1,977.10 रुपये के 52-सप्ताह के ऊंचे स्तर को छुआ था। एनएसीएल भारत की फसल संरक्षण कंपनी है और घरेलू बाजारों में उसकी ब्रांडेड फॉर्मूलेशन व्यवसाय में मजबूत उपस्थिति है। कंपनी कई प्रमुख वैश्विक हिस्सों में अपने उत्पादों का निर्यात करती है और वैश्विक बहुराष्ट्रीय कृषि रसायन कंपनियों के साथ अनुबंध निर्माण कार्यों से जुड़ी हुई है।
एनएसीएल के मौजूदा प्रवर्तक केएलआर प्रोडक्ट्स लिमिटेड से कोरोमंडल 76.7 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 820 करोड़ रुपये में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। कोरोमंडल ने सेबी अधिग्रहण नियमों के अनुसार कंपनी की इक्विटी शेयर पूंजी का 26 प्रतिशत तक आम निवेशकों से खरीदने के लिए खुली पेशकश भी की है। प्रस्तावित लेनदेन नियामकीय मंजूरी पर टिका है और इसके अगले कुछ महीनों में पूरा होने की संभावना है।
कोरोमंडल ने कहा कि प्रस्तावित अधिग्रहण से कंपनी भारतीय फसल संरक्षण उद्योग में अग्रणी कंपनियों में से एक बन जाएगी। उसकी घरेलू फॉर्मूलेशन व्यवसाय में पूरे भारत में मौजूदगी होगी और उसे तकनीकी दक्षता मिल जाएगी। इससे कोरोमंडल का कारोबार बढ़ाने, अनुबंध निर्माण व्यवसाय में अपनी पैठ मजबूत बनाने और मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी।
प्रबंधन ने कहा है कि इस अधिग्रहण से घरेलू और निर्यात बाजारों, दोनों में फसल संरक्षण व्यवसाय में कोरोमंडल की उपस्थिति मजबूत होगी।
नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट के अनुसार भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी फॉस्फेटिक उर्वरक निर्माता कंपनी कोरोमंडल पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना पर अमल के साथ भारत में यौगिक उर्वरक क्षेत्र में सबसे बड़ी लाभार्थी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है।