म्युचुअल फंड

Mutual Funds: FY24 में निकासी हुई 54 फीसदी ज्यादा, नेट SIP निवेश में थोड़ा ही इजाफा

वित्त वर्ष 2024 में म्युचुअल फंडों ने SIP के जरिए शुद्ध रूप से 87,971 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया, जो वित्त वर्ष 2023 में 83,873 करोड़ रुपये था।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- April 17, 2024 | 9:53 PM IST

Mutual Fund Investment: वित्त वर्ष 2024 में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये सकल निवेश में भले ही 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई हो लेकिन निवेश निकासी में तेज उछाल के कारण शुद्ध SIP निवेश महज 4.9 फीसदी बढ़ा। वित्त वर्ष 2024 में म्युचुअल फंडों ने SIP के जरिए शुद्ध रूप से 87,971 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया, जो वित्त वर्ष 2023 में 83,873 करोड़ रुपये था।

उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के अनुसार साल के दौरान सकल निवेश 28 फीसदी बढ़कर 1.6 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं SIP खातों से निवेश निकासी 54 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 72,100 करोड़ रुपये के मुकाबले 1.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

इक्विटी योजनाओं से निवेश निकासी वित्त वर्ष 2024 में कुछ दौर में ऊंचे स्तर पर रही क्योंकि निवेशकों ने शेयर कीमतों में तेजी के बाद मुनाफावसूली की। अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 के बीच हुई निवेश निकासी इक्विटी योजनाओं में हुए सकल निवेश के 80 फीसदी के बराबर रही।

म्युचुअल फंड के अधिकारियों के मुताबिक सकल निवेश और निवेश निकासी में हुई बढ़ोतरी बताती है कि निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो में बदलाव किया। वित्त वर्ष 2024 में 4.28 करोड़ SIP खाते पंजीकृत हुए जो वित्त वर्ष 2023 के मुकाबले 71 फीसदी ज्यादा है। इस अवधि में हालांकि 2.24 करोड़ SIP खाते बंद हुए, जो वित्त वर्ष 2023 के मुकाबले 56 फीसदी ज्यादा हैं।

आईटीआई म्युचुअल फंड के चीफ बिजनेस ऑफिसर मयूख दत्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में SIP में काफी बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह मोटे तौर पर निवेश में सहजता, जागरूकता में बढ़ोतरी और बाजार की तेजी है। हालांकि SIP खाते खोलने और उन्हें बंद करने में सहजता के कारण निवेशकों के लिए एक से दूसरी योजनाओं में जाना-निकलना आसान हो गया।

आदर्श रूप में SIP के साथ निवेशकों को लंबे समय तक जुड़े रहना चाहिए जब तक कि वे SIP के जरिये म्युचुअल फंडों में निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं खास तौर से बाजार में गिरावट के दौरान।

मंगलवार को जारी रिपोर्ट में उद्योग निकाय एम्फी ने कहा है कि म्युचुअल फंडों ने वित्त वर्ष 2024 में अपनी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (AUM-asset under management) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की जिसकी वजह मजबूत निवेश हासिल होना और मार्क टु मार्केट का लाभ है।

एसोसिएशन ने पाया कि खुदरा निवेशकों (जो SIP के जरिये निवेश को प्राथमिकता देते हैं) ने इस बढ़त में अहम भूमिका निभाई है खास तौर से इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्युशंस ओरिएंटेड योजनाओं में, जिसका उद्योग की परिसंपत्तियों में करीब 58 फीसदी और फोलियो यानी खातों की संख्या में 80 फीसदी योगदान रहा।

इसमें कहा गया है कि इससे घरेलू निवेशकों की म्युचुअल फंडों के जरिये पूंजी बाजार में बढ़ती भागीदारी का पता चलता है।

म्युचुअल फंड उद्योग ने वित्त वर्ष 2024 में अपने एयूएम में करीब 14 लाख करोड़ रुपये जोड़े जिसकी वजह इक्विटी में आई भारी तेजी और मजबूत निवेश है। बेंचमार्क सूचकांकों निफ्टी-50 और सेंसेक्स में वित्त वर्ष 2024 में 25 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई। व्यापक बाजार में निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 में क्रमश: 70 फीसदी व 60 फीसदी का इजाफा हुआ।

वित्त वर्ष 2024 के दौरान इक्विटी ओरिएंटेड ऐक्टिव योजनाओं में 55 फीसदी वृद्धि हुई और एयूएम 23.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2024 में फ्लैक्सीकैप श्रेणी सबसे बड़ी फंड श्रेणी के तौर पर उभरी और एम्फी ने कहा कि मल्टीकैप फंडों ने फीसदी के लिहाज से सबसे ज्यादा 85 फीसदी वृद्धि देखी।

First Published : April 17, 2024 | 9:28 PM IST