Top 5 Flexi Cap Funds: शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद म्युचुअल फंड्स खासकर इक्विटी स्कीम्स में निवेशकों का भरोसा बरकरार है। नवंबर में लगातार 45वें महीने इक्विटी फंड्स में इनफ्लो बना रहा है। टॉप परफॉर्मेंस फंड्स की बात करें तो पिछले महीने सेक्टोरल फंड्स के बाद सबसे ज्यादा निवेश फ्लेक्सी कैप स्कीम्स में आया। निवेशकों ने करीब 5,084.11 करोड़ रुपये का निवेश इस कैटेगरी की स्कीम्स में किया। फ्लेक्सी कैप फंड्स की परफॉर्मेंस की बात करें तो लंबी अवधि में निवेशकों को तगड़ा रिटर्न मिला है। फ्लेक्सी कैप कैटेगरी के टॉप 5 फंड्स ने बीते 5 साल में सालाना 24-34 प्रतिशत का औसत रिटर्न दिया है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, फ्लेक्सी कैप फंड्स की टॉप 5 स्कीम्स में क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड, पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड, जेएम फ्लेक्सी कैप फंड, एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड और फ्रैंकलिन इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड शामिल हैं। इन फंड्स ने बीते 5 साल में औसतन 24-34 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। म्युचुअल फंड कैलकुलेटर के मुताबिक, इन फंड्स ने बीते 5 साल में 1 लाख रुपये का निवेश 3 लाख से ज्यादा बन गया है।
Scheme | Return on 5 Year (%) |
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Quant Flexi Cap Fund | 33.55 |
Parag Parikh Flexi Cap Fund | 26.76 |
JM Flexicap Fund | 26.59 |
HDFC Flexi Cap Fund | 24.26 |
Franklin India Flexi Cap Fund | 24.17 |
( सोर्स- AMFI, स्कीम्स का रिटर्न 13 दिसंबर 2024 तक की NAV के आधार पर।)
उदाहरण से समझते हैं- क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड ने बीते पांच साल में औसतन 33.55 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है। अगर इस स्कीम में किसी ने पांच साल पहले 1 लाख का निवेश किया होगा, तो आज उसकी वैल्यू बढ़कर 3.32 लाख रुपये हो गई है। इस तरह करीब 2.32 लाख रुपये का अनुमानित वेल्थ गेन हुआ। हालांकि, निवेशकों को यह ध्यान रखना जरूरी है कि म्युचुअल फंड में पिछला रिटर्न कभी भी भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं होता है और बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रिटर्न पर होता है।
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आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और यूनिट हेड अमिताभ लारा कहते हैं, “फ्लेक्सी कैप फंड्स एक तरह के इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं, जहां फंड मैनेजर को किसी एक मार्केट कैप (लार्ज, मिड या स्मॉल) तक सीमित नहीं रखा जाता। फंड मैनेजर के पास पूरी आजादी होती है कि वह बदलते बाजार के हिसाब से पोर्टफोलियो को एडजस्ट कर सकते है। यह कैटेगरी निवेशकों के पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए काफी अच्छी है क्योंकि इसमें अलग-अलग मार्केट कैप में निवेश की फ्लेक्सिबिलिटी होती है।”
आयनिक वेल्थ के को-फाउंडर एंड सीईओ श्रीकांत सुब्रमण्यम के मुताबिक, फ्लेक्सी कैप फंड्स इक्विटी निवेश के लिए हर परिस्थिति में बेहतर विकल्प होते हैं। ये खासतौर पर उन लोगों के लिए हैं, जो अपने निवेश को बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कुशलता से संभालने के लिए फंड मैनेजर पर भरोसा करते हैं। यह उन निवेशकों के लिए भी फायदेमंद है, जिनके पास समय की कमी है और जो बार-बार लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में निवेश बदलने की झंझट से बचना चाहते हैं।
लारा बताते है कि आजकल ज्यादातर फ्लेक्सी कैप फंड्स 60% लार्ज कैप में निवेश कर रहे हैं और बाकी हिस्सा मिड और स्मॉल कैप में डाल रहे हैं। इस कैटेगरी में अल्फा (बेहतर रिटर्न) पैदा करने की जबरदस्त क्षमता है। पिछले 5 सालों में फ्लेक्सी कैप फंड्स ने निफ्टी 50 के मुकाबले औसतन 6 से 7% ज्यादा रिटर्न दिया है। पिछले 5 कैलेंडर वर्षों में 60% फ्लेक्सी कैप फंड्स ने निफ्टी 50 को पीछे छोड़ते हुए 6.6% का औसत रिटर्न दिया है।
लेकिन ध्यान रखें- सिर्फ एक ही कैटेगरी पर फोकस करना सही रणनीति नहीं है। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप, मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप जैसे अलग-अलग मार्केट कैप बेस्ड फंड्स के अलावा वैल्यू, कॉन्ट्रा और फोकस्ड फंड्स जैसे स्ट्रैटेजी बेस्ड फंड्स में भी निवेश करें।
इससे आपको पोर्टफोलियो में अलग-अलग सेक्टर्स और मार्केट कैप्स का फायदा मिलेगा और साथ ही कंसन्ट्रेशन रिस्क (कहीं एक ही फंड या एएमसी में ज्यादा निवेश का खतरा) भी कम होगा। कुल जमा बात यह है कि फ्लेक्सी कैप फंड्स एक बेहतरीन विकल्प हैं, लेकिन समझदारी यही है कि निवेश को स्मार्ट तरीके से फैलाएं, ताकि हर मौके का फायदा उठा सकें और रिस्क भी बैलेंस रहे।
AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में सेक्टोरल एंड थिमैटिक फंड के बाद सबसे ज्यादा इनफ्लो फ्लेक्सी कैप फंड में आया है। बीते महीने इस कैटेगरी में 5,084.11 करोड़ रुपये का निवेश है। हालांकि, इससे पिछले महीने यानी अक्टूबर के मुकाबले निवेश में 1.86 प्रतिशत की कमी आई है। इस साल अक्टूबर में फ्लेक्सी कैप फंड में 5,180.69 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया गया था।
नवंबर में इक्विटी फंड्स में नेट आधार पर 35,943.49 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। यह अक्टूबर के मुकाबले करीब 14 प्रतिशत कम है। हालांकि, इक्विटी म्युचुअल फंड्स में लगातार 45वें महीने भी निवेश दर्ज हुआ। बीते महीने सेक्टोरल एंड थिमैटिक फंड में सबसे ज्यादा 7657 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया गया है। नवंबर में डेट फंड्स में 12,916 करोड़ रुपये और हाइब्रिड फंड्स में 4,124 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
(डिस्क्लेमर: यहां फंड्स के परफॉर्मेंस की डीटेल दी गई है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। यहां निवेश की सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)