म्युचुअल फंड

सितंबर में SIP निवेश ₹29,361 करोड़ की रिकॉर्ड ऊंचाई पर, क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट मान रहे हैं कि वैश्विक व्यापार की चिंताओं के बाजार में दिख रहे असर के बीच रिटेल निवेशक अनुशासित रहे और एसआईपी में निवेश बनाए रखा

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- October 13, 2025 | 7:02 PM IST

SIP Inflow at New High: इक्विटी म्युचुअल फंड में सितंबर के दौरान लगातार दूसरे महीने निवेश घटा है। इसके बावजूद SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेशक ताबड़तोड़ पैसा झोंक रहे हैं और यह पिछले महीने 29,361 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। अगस्त में एसआईपी के जरिए 28,265 करोड़ रुपये का निवेश आया था। जबकि, इक्विटी फंड्स में इनफ्लो 9 फीसदी (MoM) घटकर 30,421 करोड़ रुपये रह गया। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि वैश्विक व्यापार की चिंताओं के बाजार में दिख रहे असर के बीच रिटेल निवेशक अनुशासित रहे और एसआईपी में निवेश बनाए रखा।

SIP AUM बढ़कर ₹15.52 लाख करोड़

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर महीने में एसआईपी अकाउंट्स की संख्या बढ़कर 9.25 करोड़ हो गई। अगस्त में यह संख्या 8.99 करोड़ थी। वहीं, SIP AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बढ़कर 15.52 लाख करोड़ पर पहुंच गया।

Also Read: SBI MF ने भी Silver ETF FoF में नए निवेश पर लगाई रोक, हाई प्रीमियम का सता रहा डर

SIP स्टॉपेज रेश्यो बढ़कर 76.1% हुआ

नए SIP अकाउंट्स की बात करें तो पिछले महीने 57.73 लाख नए अकाउंट रजिस्ट हुए। वहीं, 44.03 लाख SIPs मेच्योर या बंद हुए। एसआईपी स्टॉपेज रेश्यो की बात करें तो यह अगस्त के 74 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 76.1 फीसदी हो गया। यह रेश्यो यह बताता है कि कितने फीसदी अपने SIP कंट्रीब्यूशन को रोक रहे हैं या बंद कर रहे हैं (या जिनकी योजना की अवधि पूरी हो चुकी है)।

SIP स्टॉपेज रेश्यो में भारी उतार-चढ़ाव

पिछले दो साल में SIP स्टॉपेज रेश्यो में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। साल 2024 के ज्यादातर समय में यह रेश्यो 50–60 फीसदी के बीच रहा, जो बताता है कि उस दौरान SIP कैंसिलेशन मध्यम स्तर पर थे। लेकिन 2025 की शुरुआत में इसमें तेज उछाल आया — जनवरी में यह 109 फीसदी तक पहुंच गया और अप्रैल में बढ़कर 296% के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

100 फीसदी से ऊपर का रेश्यो इस बात का संकेत देता है कि उस महीने जितनी नई SIP शुरू हुईं, उससे ज्यादा SIP बंद हुईं। इसका मतलब है कि निवेशकों में बाजार की अस्थिरता या व्यक्तिगत नकदी जरूरतों के चलते सतर्कता बढ़ गई थी।

अप्रैल के बाद से यह रेश्यो धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर लौट आया है और जून से सितंबर 2025 के बीच यह 56–76 फीसदी के बीच स्थिर हो गया है।

Also Read: निवेशकों को मिलेगा एक और सुरक्षा कवच! सेबी ने कहा- MF ट्रस्टीज लागू करें अर्ली वॉर्निंग सिस्टम

लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन पर फोकस

श्रीराम एएमसी के एमडी एंड सीईओ कार्तिक जैन का कहना है कि सितंबर के आंकड़े निवेशकों की पसंद में एक स्थिर लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव दिखाते हैं। म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में सितंबर माह में 40 लाख नए फोलियो जुड़े और कुल एयूएम 75.18 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 75.38 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो निवेशकों की निरंतर भागीदारी को दर्शाता है। SIP से आने वाले इनफ्लो मजबूत बने हुए हैं, जिससे निवेशकों का लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन में भरोसा झलकता है।

रिटेल निवेशकों का भरोसा अभी भी मजबूत

चॉइस वेल्थ के सीईओ निकुंज सराफ ने कहा, “रिटेल निवेशकों का भरोसा अभी भी मजबूत बना हुआ है। SIP के जरिए निवेश 29,361 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया, जो भारत में व्यवस्थित और लक्ष्य-आधारित निवेश की बढ़ती संस्कृति का संकेत दे रहा है।”

First Published : October 13, 2025 | 6:57 PM IST