बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय (Tuhin Kanta Pandey) ने सोमवार को म्युचुअल फंड ट्रस्टीज (mutual fund trustees) से आग्रह किया कि वे ऐसे अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लागू करें, जो विसंगतियों का पता लगा सकें और समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने म्युचुअल फंड इंडस्ट्री और निवेशकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय स्थापित करने में उनकी सक्रिय भागीदारी की भी आवश्यकता जताई।
म्युचुअल फंड ट्रस्टीज के लिए आयोजित लीडरशिप डायलॉग में बोलते हुए, पांडेय ने ट्रस्टीज को वैल्यूएशन प्रैक्टिस और रिस्क मैनजमेंट से जुड़े सिस्टम और प्रक्रियाओं की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस करार दिया।
पांडेय ने कहा, “जरूरत पड़ने पर ट्रस्टीज को सवाल पूछने, मुद्दों को ऊपर उठाने और आवश्यक होने पर हस्तक्षेप करने का अधिकार है। इस अधिकार के साथ उनका नैतिक कर्तव्य भी है कि वे बिना डरे और सही समय पर फैसले लेकर निवेशकों के हितों की रक्षा करें।”
उन्होंने ट्रस्टीज से यह भी आग्रह किया कि वे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के आंतरिक नियंत्रणों का स्वतंत्र रूप से परीक्षण करें, कंप्लायंस रिपोर्ट पर स्पष्टता मांगें और जहां आवश्यक हो, मान्यताओं को चुनौती दें।
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पांडेय ने जोर देकर कहा कि ट्रस्टीज को डेरिवेटिव्स, अल्टरनेटिव एसेट्स, ESG निवेश और रिस्क एनालिटिक्स जैसी बदलती क्षेत्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इन क्षेत्रों में स्पेशेलाइज ट्रेनिंग प्रभावी निगरानी के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा, “निगरानी में गहराई होनी चाहिए – सिर्फ दस्तावेजीकरण नहीं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए टकराव की स्थिति से बचा जाना चाहिए या पारदर्शी रूप से खुलासा किया जाना चाहिए।
सेबी चीफ ने ट्रस्टीज और AMC बोर्ड्स की भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से अलग करने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। इनमें ट्रस्टीज द्वारा स्वतंत्र मूल्यांकन और ड्यू डिलिजेंस अनिवार्य करना शामिल है, जबकि AMC बोर्ड्स को यूनिटहोल्डर प्रोटेक्शन कमिटी स्थापित करना आवश्यक है।
इसके अलावा, AMC को बाजार के दुरुपयोग, जैसे कि फ्रंट-रनिंग, इनसाइडर ट्रेडिंग और संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग को रोकने के लिए स्ट्रक्चर मैकेनिज्म लागू करने होंगे। पांडेय ने कहा कि ट्रस्टीज से उम्मीद की जाती है कि वे इन मैकेनिज्म को वेरिफाई करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये न केवल दिखावे में बल्कि वास्तविक रूप से भी सही ढंग से काम कर रहे हैं।
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पांडेय ने म्युचुअल फंड इंडस्ट्री की तेजी से बढ़ती संपत्ति पर ध्यान दिलाया। सितंबर तक उद्योग का कुल एसेट अंडर मैनजमेंट 75.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं और 5.6 करोड़ नए निवेशक जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि ट्रस्टीज का काम निवेशकों के विश्वास की सुरक्षा करना है।
उन्होंने कहा, “ट्रस्टीज को सेबी के सुधारों को सिर्फ स्वीकार करना नहीं चाहिए। आपको एक्टिव होकर काम करना चाहिए, ऐसे नियम सुझाने चाहिए जो काम आएं, सुरक्षा को कमजोर किए बिना सरल बनाएं, और परामर्श प्रक्रिया में अपने अनुभव का योगदान दें।”